

उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन में 12 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला हाई कोर्ट पहुंचा है। खिलाड़ियों के लिए केवल केले खरीदने में 35 लाख रुपये खर्च किए जाने का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
नैनीताल हाई कोर्ट ने BCCI को नोटिस दिया (Img: Internet)
Nainital: एशिया कप 2023 की धूम के बीच एक बड़ा क्रिकेट घोटाला सामने आया है, जिसने सभी की नजरें इस मामले पर केंद्रित कर दी हैं। टीम इंडिया 10 सितंबर को अपना पहला मुकाबला खेल रही है, लेकिन इसी दौरान उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ा 12 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला चर्चा में है। इस मामले में बीसीसीआई को भी नोटिस जारी किया गया है।
खास बात यह है कि इस घोटाले में 35 लाख रुपये केवल केले खरीदने पर खर्च किए गए थे। आइए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला क्या है और बीसीसीआई की भूमिका क्या रही।
यह घोटाला उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन से संबंधित है। देहरादून निवासी संजय रावत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एसोसिएशन पर करोड़ों रुपये के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने खिलाड़ियों के विकास और क्रिकेट कार्यक्रमों के लिए मिलने वाले सरकारी फंड का सही उपयोग नहीं किया। उनकी शिकायत पर नैनीताल हाई कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए बीसीसीआई को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को होगी।
संजय रावत की याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने नियमों की अनदेखी करते हुए फंड का दुरुपयोग किया। जो पैसे खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और क्रिकेट इवेंट्स के लिए दिए गए थे, उनका सही लाभ खिलाड़ियों तक नहीं पहुंचा। इसके बजाय ये फंड कथित तौर पर गलत जगहों पर खर्च किए गए। यह मामला क्रिकेट समुदाय के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि खिलाड़ियों के हितों की अनदेखी हुई है।
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि एसोसिएशन ने अपने फंड का ऑडिट अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से नहीं करवाया, बल्कि बाहरी चार्टर्ड अकाउंटेंट को हायर किया गया ताकि गड़बड़ी छुपाई जा सके। इस बात को लेकर कोर्ट ने भी संजीदगी दिखाई है। जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की सिंगल जज बेंच ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की और बीसीसीआई से इस पर जवाब मांगा।
इस घोटाले का सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि खिलाड़ियों के लिए केवल केले खरीदने पर ही 35 लाख रुपये खर्च किए गए थे। याचिकाकर्ता ने CAU ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कोर्ट के सामने रखी। इसके अलावा, खाना, रहने और कैंप के लिए करोड़ों रुपये खर्च दिखाए गए, लेकिन यह रकम मैदान या खिलाड़ियों तक कभी नहीं पहुंची। अगर आरोप साबित हुए, तो उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के लिए चुनौती बन गया है, बल्कि बीसीसीआई की जिम्मेदारी और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। इस घोटाले की जांच का इंतजार सभी को है ताकि सच सामने आ सके और क्रिकेट के हितों की रक्षा हो सके।