

चेतेश्वर पुजारा ने 24 अगस्त को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेकर भारतीय टेस्ट क्रिकेट के एक सुनहरे युग का अंत कर दिया। इससे पहले विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन भी टेस्ट से विदा ले चुके हैं। ऐसे में सवाल है कि इन चार दिग्गजों की जगह कैसे भरेगी?
कोहली, रोहित, पुजारा और अश्विन ने लिया संन्यास (Img- Internet)
New Delhi: भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने 24 अगस्त को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे 37 वर्षीय पुजारा ने अब बल्ला हमेशा के लिए टांग दिया। उन्होंने भारत के लिए 103 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले। टेस्ट में पुजारा ने 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए, जिनमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि वनडे करियर छोटा रहा, जिसमें उन्होंने 51 रन बनाए। हालांकि, सोचने वाली बात ये भी है कि 8 महीनों में चार खिलाड़ियों ने संन्यास लिया है, ऐसे में टीम में उनकी जगह कौन भरने वाला है?
चेतेश्वर पुजारा के संन्यास के साथ ही पिछले आठ महीनों में भारतीय क्रिकेट के चार स्तंभ एक-एक कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ले चुके हैं। सबसे पहले दिसंबर 2024 में रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान संन्यास लिया। अश्विन ने 106 टेस्ट में 537 विकेट और 3503 रन बनाए। उनके नाम 116 वनडे में 156 विकेट और 65 टी20 में 72 विकेट भी हैं।
इसके बाद मई 2025 में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर प्रशंसकों को झटका दिया। रोहित ने 67 टेस्ट में 4301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, विराट कोहली ने 123 टेस्ट में 9230 रन बनाए और 30 शतक लगाए। कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में शामिल हैं, जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 68 में से 40 टेस्ट जीते।
अब जब पुजारा भी संन्यास ले चुके हैं, तो भारतीय टेस्ट टीम के चार मजबूत स्तंभ एक साथ बाहर हो चुके हैं। कोहली की आक्रामक कप्तानी, रोहित की विस्फोटक पारियां, पुजारा की दीवार जैसी बल्लेबाजी और अश्विन की घातक फिरकी... इन सबने मिलकर टेस्ट क्रिकेट में भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
रोहित, कोहली, पुजारा और अश्विन (Img: Internet)
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में युवा खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन कर इन दिग्गजों की कमी को थोड़ा भरने की कोशिश की है। लेकिन यह सच है कि इन चारों की भरपाई आसान नहीं होगी। उनके अनुभव, नेतृत्व और योगदान ने भारतीय क्रिकेट को जो स्थायित्व दिया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। भारतीय टेस्ट क्रिकेट का एक स्वर्णिम अध्याय अब इतिहास बन गया है।
चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट करियर कई ऐतिहासिक पलों से भरा रहा है, विशेषकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 11 टेस्ट मैचों में 993 रन बनाए, जिनमें 3 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। 2018-19 और 2020-21 की टेस्ट सीरीज में पुजारा ने अपने संयम और तकनीकी बल्लेबाजी से भारत को ऐतिहा