स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल पास हुआ तो खुशी से झूम उठीं पीटी ऊषा, बोलीं- सपनों को पंख देगा ये विधेयक

पीटी उषा ने राज्यसभा में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का समर्थन करते हुए इसे खेलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और बदलाव की कुंजी बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून दशकों से चली आ रही ठप स्थिति को खत्म कर खिलाड़ियों के सपनों को पंख देगा।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 13 August 2025, 11:15 AM IST
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New Delhi: मंगलवार का दिन भारतीय खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। दशकों से खेल प्रशासन में संसाधनों की कमी, पारदर्शिता का अभाव और खिलाड़ियों की अनदेखी जैसी समस्याएं बनी हुई थीं। इन्हें अब राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के जरिए दूर करने की कोशिश की जा रही है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष और पूर्व धाविका पीटी उषा ने राज्यसभा में इस विधेयक का खुले दिल से समर्थन किया।

पहले विरोध, अब किया समर्थन

पहले पीटी उषा इस विधेयक का विरोध करती थीं, क्योंकि उन्हें लगता था कि यह सरकारी हस्तक्षेप है और इससे भारत पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की रोक लग सकती है। लेकिन खेल मंत्री मनसुख मंडाविया से लंबी बातचीत के बाद उनका रुख पूरी तरह बदल गया। अब वे इसे खेलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुधार का महत्वपूर्ण कदम मानती हैं।

पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास

विधेयक में राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) के गठन का प्रावधान है, जो राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देगा। इसके साथ ही महासंघों को वित्तीय सहायता पाने के लिए राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण में शामिल होना होगा। यह न्यायाधिकरण खेल विवादों के समाधान के लिए भी काम करेगा, जबकि राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल महासंघों के चुनाव कराएगा।

पीटी उषा की भावुक यादें और उम्मीदें

अपने खेल जीवन के संघर्षों और 1984 लॉस एंजिल्स ओलंपिक की यादों को साझा करते हुए उषा ने कहा कि उस वक्त खेलों के लिए कोई मजबूत कानून नहीं था। उन्होंने बताया कि यह विधेयक खिलाड़ियों के सपनों को नई उड़ान देगा और दशकों से चली आ रही ठहराव की स्थिति को बदल देगा। उन्होंने इसे देश और व्यक्तिगत दोनों स्तर पर एक ऐतिहासिक क्षण बताया।

महिला खिलाड़ियों बनेंगी सशक्त

पीटी उषा ने कहा कि यह कानून लैंगिक समानता को बढ़ावा देगा, जिससे महिला खिलाड़ियों को भी सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे प्रायोजकों और महासंघों के बीच विश्वास भी बढ़ेगा, जो खेलों के विकास के लिए जरूरी है।

2036 ओलंपिक की मेजबानी का सपना

उषा ने कहा कि यह कानून भारत के 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने इसे केवल एक विधेयक नहीं बल्कि खेलों में कार्रवाई का आह्वान बताया।

डोपिंग रोधी कानून का भी किया समर्थन

पीटी उषा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक का भी समर्थन किया, जिसमें एक स्वतंत्र राष्ट्रीय डोपिंग बोर्ड बनाने का प्रावधान है। उनका मानना है कि ऐसे कानून खेलों में स्वच्छ और निष्पक्ष माहौल बनाने के लिए बेहद जरूरी हैं।

 

 

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  • 13 August 2025, 11:15 AM IST