

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) टीम के लगातार खराब प्रदर्शन से नाराज है और अब सीनियर खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती करने की तैयारी कर रहा है। बोर्ड ICC राजस्व से मिलने वाले हिस्से को समाप्त करने की योजना बना रहा है, जिससे बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान और शाहीन अफरीदी जैसे खिलाड़ियों की आमदनी पर बड़ा असर पड़ेगा।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Img: Google)
New Delhi: पाकिस्तान क्रिकेट टीम इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। मैदान पर टीम लगातार हार का सामना कर रही है, कभी बांग्लादेश जैसी कमजोर मानी जाने वाली टीम से, तो कभी वेस्टइंडीज जैसी निम्न रैंकिंग वाली टीम के खिलाफ शर्मनाक हार। इसी के चलते अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है और इसका सीधा असर खिलाड़ियों की जेब पर पड़ने वाला है।
सूत्रों के मुताबिक, PCB जल्द ही अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिसमें सीनियर खिलाड़ियों की मोटी सैलरी में कटौती की जाएगी। इसका सबसे बड़ा कारण है टीम का लगातार गिरता प्रदर्शन और खिलाड़ियों की लचर मानसिकता, जो मैचों में दिखाई देती है।
क्यों नाराज है PCB?
पिछले कुछ वर्षों से PCB खिलाड़ियों को मोटी रकम और शानदार सुविधाएं दे रहा है। ICC से मिलने वाले राजस्व का 3 प्रतिशत हिस्सा खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट में जोड़ा गया था, ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसार प्रोत्साहन मिल सके। लेकिन, इसके बावजूद पाकिस्तान का प्रदर्शन सुधरने के बजाय और खराब हुआ है। अब PCB इस हिस्सेदारी को कॉन्ट्रैक्ट से हटाने की योजना बना रहा है।
कितना नुकसान होगा खिलाड़ियों को?
मौजूदा सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार-
टेस्ट मैच खेलने पर: 12 लाख रुपये
वनडे खेलने पर: 6 लाख रुपये
T20I खेलने पर: 4 लाख रुपये
मासिक सैलरी (पाकिस्तानी रुपये में):
ए कैटेगरी: 6.57 लाख (बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान)
बी कैटेगरी: 4.55 मिलियन
सी कैटेगरी: 2.03 मिलियन
डी कैटेगरी: 1.26 मिलियन
इनमें से बड़ा हिस्सा ICC के राजस्व से आता है, जो कि अब हटाया जा सकता है। इसका सीधा असर बाबर आजम, शाहीन शाह अफरीदी और मोहम्मद रिजवान जैसे खिलाड़ियों पर पड़ेगा, जिनकी सैलरी में करोड़ों की कटौती हो सकती है।
खर्च बढ़ा पर प्रदर्शन गिरा
रिपोर्ट के अनुसार, PCB ने इस साल खिलाड़ियों की रिटेनरशिप बजट को 37 प्रतिशत बढ़ाकर 1,173 मिलियन रुपये कर दिया है। इसके बावजूद, खिलाड़ियों की मैच फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इस बढ़े हुए खर्च का भी कोई लाभ मैदान पर नहीं दिख रहा है।
टीम का गिरता प्रदर्शन
टीम के प्रदर्शन के आंकड़े खुद सच्चाई बयान कर रहे हैं-
टेस्ट: 3 में से सिर्फ 1 जीत
वनडे: 11 में से केवल 2 में जीत
T20I: 14 में से 7 में हार
बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली हारों ने बोर्ड की नाराजगी को और भी बढ़ा दिया है।
अब क्या होगा आगे?
PCB अब खिलाड़ियों से बेहतर फिटनेस, प्रदर्शन और जिम्मेदारी की उम्मीद कर रहा है। बोर्ड चाहता है कि खिलाड़ी अपने कॉन्ट्रैक्ट को केवल कमाई का जरिया न समझें, बल्कि प्रदर्शन के आधार पर उसे सही ठहराएं। अगर सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से ICC राजस्व हटाया गया, तो यह खिलाड़ियों के लिए एक कड़ा संदेश होगा कि अब बिना प्रदर्शन के भुगतान नहीं मिलेगा।