पाकिस्तान की बीमारी लाइलाज! अपनी ही टीम पर बरसे पूर्व PCB चीफ, किसे बताया पागलपन की निशानी?

एशिया कप 2025 में भारत से पहले पाकिस्तान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द की और मानसिक मजबूती के लिए मनोचिकित्सक की भी नियुक्त की। जिसकी पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष ने आलोचना की है।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 21 September 2025, 7:07 PM IST
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Dubai: एशिया कप 2025 में भारत के खिलाफ सुपर फोर मुकाबले से पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करने का फैसला किया है। इस कदम के पीछे मुख्य वजह खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बताया गया है। खिलाड़ियों के मनोबल को सुधारने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एक पेशेवर मनोचिकित्सक, डॉ. राहील करीम, की नियुक्ति की है।

पूर्व अध्यक्ष नजम सेठी ने की आलोचना

हालांकि, इस पहल पर PCB के पूर्व अध्यक्ष नजम सेठी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केवल मनोचिकित्सक को टीम में शामिल करने से रातोंरात कोई बदलाव नहीं आएगा। सेठी ने समा टीवी से बातचीत में कहा, “मैंने अपने कार्यकाल में भी यही कोशिश की थी, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं मिला। हमारी संस्कृति और खिलाड़ियों की पृष्ठभूमि ऐसी नहीं है कि थेरेपी से तुरंत सुधार हो।”

संस्कृति और भाषा बनी बाधा

सेठी ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातचीत को अब भी कमजोरी या पागलपन के रूप में देखा जाता है। उन्होंने बताया कि अधिकतर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ विदेश से पढ़े होते हैं और अंग्रेज़ी में परामर्श देते हैं, जबकि खिलाड़ी उर्दू या पश्तो बोलते हैं। सेठी के अनुसार, यह भाषाई और सामाजिक दूरी मनोवैज्ञानिक सहायता को प्रभावी नहीं बनने देती।

लगातार विवादों से घिरी टीम

एशिया कप 2025 के दौरान पाकिस्तानी टीम लगातार विवादों में रही है। 14 सितंबर को भारत से 7 विकेट की हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, टॉस के दौरान भी भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा से हाथ मिलाने से परहेज किया।

भारत बनाम पाकिस्तान (Img: Internet)

मैच रेफरी पर भी विवाद

इसके बाद एक नया विवाद तब खड़ा हो गया जब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ICC से जिम्बाब्वे के मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को एशिया कप से हटाने की मांग की। PCB का आरोप था कि पाइक्रॉफ्ट का रवैया पक्षपातपूर्ण है, लेकिन ICC ने उनकी यह मांग ठुकरा दी। इसके बावजूद एंडी पाइक्रॉफ्ट 21 सितंबर को भारत-पाकिस्तान मुकाबले में फिर से रेफरी की भूमिका में नजर आएंगे।

क्या मनोचिकित्सक ला पाएंगे बदलाव?

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या डॉ. राहील करीम की उपस्थिति पाकिस्तानी खिलाड़ियों के मानसिक संतुलन और प्रदर्शन में कोई सुधार ला पाएगी। फिलहाल, टीम विवादों और खराब प्रदर्शन के चलते दबाव में है, और ऐसे में मानसिक मजबूती हासिल करना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।

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