Ahmedabad: टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता और भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू एक साल बाद फिर से वापसी के लिए तैयार हैं। चोटों से जूझने के बाद अब वह आज अहमदाबाद के वीर सावरकर खेल परिसर में सोमवार को शुरू हो रही राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में भारतीय दल की अगुवाई करेंगी। पिछले साल पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने के बाद मीराबाई ने अपनी फिटनेस और तकनीक सुधारने पर खास ध्यान दिया है। इस बार उनसे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है जो देश के लिए गर्व का विषय होगा।
48 किलोग्राम भार वर्ग में बदलाव
2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए नए भार वर्ग लागू होने के बाद मीराबाई ने 49 किलोग्राम की जगह 48 किलोग्राम में खेलने का फैसला किया है। यह वही भार वर्ग है जिसमें उन्होंने पहले विश्व चैंपियनशिप का खिताब और दो राष्ट्रमंडल खेलों के पदक जीते थे। हालांकि, 2018 के बाद उन्होंने इस वर्ग में प्रतिस्पर्धा नहीं की है। वजन कम करना उनके लिए चुनौती होगी, जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया है, लेकिन उनका संकल्प इसे पार करने का है।
तकनीक सुधार और आगामी लक्ष्य
मीराबाई मुख्य राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा के साथ मिलकर अपनी तकनीक सुधार रही हैं। उनका लक्ष्य स्नैच में 90 किलोग्राम वजन उठाना है, जो उनके प्रदर्शन को और बेहतर बनाएगा। वह अक्टूबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में टॉप पर रहने की तैयारी कर रही हैं। हालांकि, राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप को वह अपने लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट मानती हैं और यहां अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं करेंगी। यह उनके अगले साल ग्लासगो में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए तैयारियों का हिस्सा है।
भारतीय टीम की ताकत और पदक की उम्मीदें
राष्ट्रमंडल प्रतियोगिताएँ भारतीय भारोत्तोलकों के लिए हमेशा से सफलता की ओर एक बड़ा मंच रही हैं। खासकर चीन और उत्तर कोरिया जैसे दिग्गज देशों की अनुपस्थिति में भारत को पदकों की मजबूत संभावना रहती है। 2023 में भारत ने जब इस चैंपियनशिप की मेजबानी की थी, तो टीम ने 20 पदक जीते थे। इस बार भी पदक तालिका में सुधार की उम्मीद है। रजत पदक विजेता बिंदियारानी देवी और कांस्य पदक विजेता हरजिंदर कौर समेत कई पूर्व पदकधारक भारत के लिए फिर से पदक की दौड़ में होंगे।
भारतीय दल का पूरा विवरण
भारतीय टीम में महिला वर्ग में मीराबाई चानू (48 किग्रा), स्नेहा सोरेन (53 किग्रा), बिंद्यारानी देवी (58 किग्रा), सेराम निरुपमा देवी (63 किग्रा), हरजिंदर कौर (69 किग्रा), हरमनप्रीत कौर (77 किग्रा), वंशिता वर्मा (86 किग्रा) और महक शर्मा (+86 किग्रा) शामिल हैं। पुरुष वर्ग में चनंबम ऋषिकांत सिंह (60 किग्रा), एम राजा (65 किग्रा), नारायण अजित (71 किग्रा), वल्लूरी अजय बाबू (79 किग्रा), अजय सिंह (88 किग्रा), दिलबाग सिंह (94 किग्रा), हरचरण सिंह (110 किग्रा) और लवप्रीत सिंह (+110 किग्रा) टीम का हिस्सा हैं।
इस बार मीराबाई की वापसी के साथ भारतीय भारोत्तोलन में नई उम्मीदें जगी हैं और देश के लिए पदकों की संख्या बढ़ाने की संभावना प्रबल है।