

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला जाएगा।
भारत बनाम इंग्लैंड (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला जाएगा। लीड्स टेस्ट में मिली हार के बाद भारत के पास अब वापसी करने का सुनहरा मौका है। वहीं इंग्लैंड की टीम आत्मविश्वास से भारी नज़र आ रही है। भारत के लिए यह मुकाबला केवल सीरीज में बराबरी का नहीं, बल्कि मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीतिक परिपक्वता का भी टेस्ट होगा।
क्या कोचिंग की दिशा पलटेगी करियर
गौतम गंभीर की कोचिंग में यह भारत का इंग्लैंड में पहला बड़ा दौरा है और लीड्स में मिली हार के बाद उनके लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कोच के रूप में उनका रिकॉर्ड अभी तक एक टेस्ट एक हार का है। हालांकि, उनके पास अब भी चार टेस्ट मैचों का अवसर है जिससे वह अपने कोचिंग करियर की दिशा को पलट सकते हैं।
गौरतलब है कि साल 2000 के बाद इंग्लैंड में भारतीय टीम का कोचिंग रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है। जॉन राइट, गैरी कर्स्टन, डंकन फ्लेचर, रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ जैसे बड़े नामों के साथ भी टीम ने मिश्रित प्रदर्शन किया है।
क्या इस बार होगी जीत
जॉन राइट के समय भारत ने चार में से एक मैच जीता, एक हारा और दो ड्रॉ खेले। वहीं गैरी कर्स्टन की कोचिंग में 2011 में टीम इंडिया को शर्मनाक 4-0 से हार मिली थी। डंकन फ्लेचर की कोचिंग में भारत ने 2014 में शुरुआत अच्छी की, लेकिन फिर लगातार तीन टेस्ट हारकर सीरीज गंवा दी।
सबसे सफल कोच रहे रवि शास्त्री, जिनके नेतृत्व में भारत ने 10 टेस्ट मैचों में से तीन में जीत दर्ज की और छह में हार झेली। एक टेस्ट ड्रॉ रहा। 2021 में भारत शास्त्री की कोचिंग में इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से आगे था, लेकिन फाइनल टेस्ट बाद में खेला गया जिसमें वे कोच नहीं थे।
राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारत ने 2022 में इंग्लैंड में एक टेस्ट और 2023 में WTC फाइनल खेला, लेकिन दोनों ही मुकाबले हारे। अब गंभीर के पास खुद को साबित करने का मौका है, लेकिन इतिहास यही बताता है कि इंग्लैंड की धरती भारतीय कोचों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है।
इस बार टीम की टीम की कप्तानी
इस बार टीम की कप्तानी युवा शुभमन गिल कर रहे हैं, और टीम के कई खिलाड़ी पहली बार इंग्लैंड की परिस्थितियों में खेल रहे हैं। कोच गंभीर और कप्तान गिल की यह जोड़ी कितनी सफल होगी, इसका फैसला आने वाले चार टेस्ट करेंगे। बर्मिंघम टेस्ट में न केवल भारत की वापसी दांव पर है, बल्कि गंभीर की कोचिंग की प्रतिष्ठा भी।