हरियाणा के मैदानों से प्रो कबड्डी की सुर्खियों तक, जानें कैसे तमिल थलाइवाज के हीरो बने नितेश कुमार

हरियाणा के छोटे गांव से निकलकर प्रो कबड्डी लीग में चमकने वाले नितेश कुमार ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से तमिल थलाइवाज के लिए एक प्रमुख डिफेंडर के रूप में पहचान बनाई है। शुरुआती हार और चोटों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अब वे टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक हैं।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 6 August 2025, 11:21 AM IST
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New Delhi: हरियाणा के रोहतक जिले के एक छोटे से गांव में नितेश कुमार बचपन में क्रिकेट का बल्ला घुमाते थे और कबड्डी पर उनका ज्यादा ध्यान नहीं था। लेकिन एक दिन उन्होंने कबड्डी में अपना पहला मैच खेला, जो भले ही हारा, लेकिन उन्होंने दिल से समझ लिया कि यही उनका रास्ता है। तब वह 13 साल के थे, वजन लगभग 40 किलो था। इसके बाद उन्होंने इस खेल को पूरी लगन से अपनाना शुरू किया।

सपनों को संजोना और संघर्ष

नितेश के लिए सफर आसान नहीं था। उनके परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया, खासकर उनके कोच रमेश कुमार ने, जो हरियाणा पुलिस में अधिकारी हैं और सख्त अनुशासन के साथ नितेश को प्रशिक्षण देते थे। स्थानीय टूर्नामेंटों में उन्होंने अपनी रक्षा कौशल निखारा और वरिष्ठ खिलाड़ियों से तकनीक सीखीं।

महेंद्रगढ़ में मिला बड़ा मौका

नितेश का बड़ा ब्रेक हरियाणा के महेंद्रगढ़ से आया, जहां उनका दमदार प्रदर्शन प्रो कबड्डी लीग के स्काउट्स की नजर में आया। जब उन्हें कॉल मिला, तब वह 17-18 साल के थे। उनके परिवार को भी यकीन नहीं हो रहा था कि इतना कम उम्र में उनका चयन हो गया।

पहली बड़ी चुनौती: प्रो कबड्डी लीग

प्रो कबड्डी लीग के खचाखच भरे स्टेडियम में नितेश ने दबंग दिल्ली के खिलाफ पहला मैच खेला। वे बतौर सब्स्टीट्यूट आए थे, लेकिन जब उन्होंने शीर्ष रेडर नवीन कुमार को पकड़ा, तो घबराहट खत्म हो गई। उन्हें लगा कि वे लीग का हिस्सा हैं।

कड़ी मेहनत और सफलता का सफर

पहले सीजन में ज्यादातर समय बेंच पर बिताने के बाद, नितेश ने सीजन 11 से अपनी ट्रेनिंग दोगुनी कर दी। इसका नतीजा यह रहा कि वे तमिल थलाइवाज की शुरुआती सात खिलाड़ियों में शामिल हुए और सीजन के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर बने।

पुनेरी पलटन के खिलाफ यादगार प्रदर्शन

पंचकूला 10 चैंपियंस को हराने वाले मैच में नितेश ने हाई-5 पूरा किया। उन्होंने कहा कि वह मैच उनके करियर का खास पल था, जहां दबाव और माहौल ने उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकाला।

टीम की निराशा और आगे का संघर्ष

हालांकि तमिल थलाइवाज प्लेऑफ से चूक गए, लेकिन नितेश के लिए यह सीखने का मौका था। कोच की प्रेरणा से वे सीजन 12 में वापसी के लिए तैयार हैं।

प्रो कबड्डी से मिली नई पहचान

नितेश का कहना है कि प्रो कबड्डी लीग ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी है। खासकर आर्थिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से। अब वे तमिलनाडु में भी प्रसिद्ध हैं, जहां फैंस उनसे तस्वीरें लेने के लिए रुकते हैं।

भविष्य की उम्मीदें

नया सीजन शुरू होने वाला है और तमिल थलाइवाज और उनके प्रशंसक नितेश से डिफेंस मजबूत करने की उम्मीद रखते हैं। नितेश कुमार के लिए यह सिर्फ शुरुआत है, और उनकी उन्नति जारी है।

 

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  • 6 August 2025, 11:21 AM IST