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भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने अचानक ‘निजी कारणों’ का हवाला देकर तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। अप्रैल 2024 में नियुक्त हुए हरेंद्र के कार्यकाल के दौरान टीम का प्रदर्शन लगातार गिरता गया, जिस कारण उनके फैसले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
महिला हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह का इस्तीफा
New Delhi: भारतीय महिला हॉकी टीम से जुड़े एक बड़े और अचानक सामने आए घटनाक्रम ने पूरे हॉकी जगत में हलचल मचा दी है। टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने मंगलवार देर शाम अपने पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। हॉकी इंडिया ने आधिकारिक बयान जारी कर उनके इस्तीफे की पुष्टि की और कहा कि हरेंद्र सिंह ने ‘निजी कारणों’ के चलते पद छोड़ने का फैसला किया है।
हरेंद्र सिंह ने अप्रैल 2024 में भारतीय महिला टीम की कमान संभाली थी। उम्मीद की जा रही थी कि वह टीम को आने वाले वर्षों में, खासकर 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक तक नेतृत्व प्रदान करेंगे। लेकिन महज डेढ़ साल के भीतर ही उनका इस्तीफा कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है।
हॉकी इंडिया को भेजे ईमेल में हरेंद्र ने लिखा कि भारतीय महिला टीम का कोच रहना उनके करियर की बड़ी उपलब्धि रही है और निजी कारणों के चलते वह पद से हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीम के साथ बिताया समय हमेशा यादगार रहेगा और वह भारतीय हॉकी को आगे बढ़ाने के प्रयासों में सहयोग करते रहेंगे।
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दरअसल, भले ही हरेंद्र ने अपने फैसले को निजी बताया हो, लेकिन हॉकी इंडिया से जुड़े सूत्र एक अलग ही तस्वीर पेश कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में टीम का प्रदर्शन लगातार कमजोर रहा था। कई खिलाड़ियों की फिटनेस स्थितियां खराब थीं। टीम में लगभग दर्जन भर खिलाड़ी चोटिल चल रहे थे और लगातार हार से टीम का माहौल तनावपूर्ण हो चुका था। ऐसा कहा जा रहा है कि “टीम को हर सुविधा उपलब्ध करवाई गई, लेकिन अपेक्षित नतीजे नहीं मिल सके। ऐसे में कोच के इस्तीफे की वजह प्रदर्शन ही है।”
हरेंद्र के कार्यकाल में भारतीय महिला टीम का ग्राफ नीचे ही गिरता चला गया। FIH प्रो लीग 2024-25 में भारत ने 16 में से केवल 2 मैच जीते। जिसमें 3 मैच ड्रॉ रहे, जबकि 11 मुकाबले हार में समाप्त हुए। टीम 10 अंकों के साथ नौ टीमों की तालिका में सबसे नीचे रही थी। नतीजतन, भारत अगले सत्र के लिए क्वालीफाई करने में भी नाकाम रहा। भले ही राजगीर में हुई एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने खिताब जीता था, लेकिन वहां जापान और कोरिया जैसी टीमें अपनी कमजोर स्क्वॉड के साथ उतरी थीं। यही कारण है कि इस जीत को टीम के उत्थान के रूप में नहीं देखा गया।
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एशिया कप में फाइनल हारने के बाद भारत सीधे विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सका और अब टीम को क्वालीफायर्स के कठिन रास्ते से गुजरना होगा।
इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिला टीम की कमान अब किसके हाथ में जाएगी। सूत्रों का दावा है कि नीदरलैंड के शोर्ड मारिन की टीम में वापसी लगभग तय मानी जा रही है। मारिन के नेतृत्व में ही भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया था। उन्होंने अगस्त 2021 में पद छोड़ा था, लेकिन लगातार खराब प्रदर्शन के बीच दोबारा उन्हें लाया जा सकता है।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने कहा, “हम हरेंद्र सिंह की सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। भारतीय हॉकी में उनका योगदान महत्वपूर्ण है और हम जल्द ही नए कोच की घोषणा करेंगे।” महासचिव भोलानाथ सिंह ने भी आश्वस्त किया कि भारतीय महिला टीम क्वालीफायर्स की तैयारी बिना रुकावट जारी रखेगी।
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