ऑस्ट्रेलिया में आउटस्टैंडिंग है चेतेश्वर पुजारा का रिकॉर्ड, भारत को दो बार दिलवाई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी

भारतीय टेस्ट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका रिकॉर्ड शानदार रहा, जहां उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कई बार भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 24 August 2025, 1:21 PM IST
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New Delhi: टीम इंडिया के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने यह खबर अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए साझा की, जिसमें उन्होंने अपने करियर को लेकर भावनात्मक संदेश लिखा। टेस्ट क्रिकेट में पुजारा को ‘दीवार’ कहा जाता था, क्योंकि उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में टीम इंडिया को मजबूती दी। विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका प्रदर्शन शानदार रहा है, जहां उन्होंने कई यादगार पारियां खेली हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उनके योगदान को आज भी सराहा जाता है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुजारा का रिकॉर्ड

चेतेश्वर पुजारा का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड बेहद प्रभावशाली रहा है। उन्होंने कंगारुओं के खिलाफ कुल 11 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 47.28 की औसत से 993 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 5 अर्धशतक जमाए। पुजारा की सबसे बड़ी ताकत उनका धैर्य और टिककर खेलने की कला थी, जिससे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया जैसे आक्रामक गेंदबाजों के खिलाफ भारत को मजबूती दी।

टेस्ट क्रिकेट में नंबर-3 पोजीशन पर उतरने वाले पुजारा को 'राहुल द्रविड़ का उत्तराधिकारी' भी कहा गया। उनकी बल्लेबाजी की शैली धीमी जरूर थी, लेकिन उन्होंने टीम इंडिया के लिए बेहद अहम पारियाँ खेलीं और मुश्किल हालात में टीम को उबारा।

BGT में निभाई थी हीरो की भूमिका

चेतेश्वर पुजारा ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की कई जीतों में अहम भूमिका निभाई। 2013 में भारत में खेली गई सीरीज में उन्होंने 419 रन बनाए। इसके बाद 2014 की सीरीज में उनके बल्ले से 201 रन निकले। 2017 में उन्होंने 405 रन बनाकर एक बार फिर अपनी अहमियत साबित की।

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2018-19 की ऑस्ट्रेलिया टूर, जिसे भारत ने ऐतिहासिक रूप से जीता था, उसमें पुजारा का प्रदर्शन सबसे यादगार रहा। उन्होंने उस सीरीज में 521 रन बनाए और 'मैन ऑफ द सीरीज' का खिताब भी जीता। इसके बाद 2020-21 की सीरीज में उन्होंने 271 रन बनाए, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी साहसिक बल्लेबाजी से हर किसी का दिल जीत लिया।

पुजारा की विरासत

चेतेश्वर पुजारा का नाम हमेशा भारतीय टेस्ट क्रिकेट के गौरवशाली इतिहास में लिया जाएगा। उन्होंने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि अपनी बल्लेबाजी से टीम को स्थिरता और आत्मविश्वास दिया। उनके रिकॉर्ड और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेंगे।

 

 

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  • 24 August 2025, 1:21 PM IST