

फरेन्दा विधानसभा क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर उत्तर प्रदेश विधान सभा में गूंज उठी। फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने बजट सत्र 2025-26 के दौरान 25 फरवरी को आयोजित सभा में फरेंदा चीनी मिल को पुनः संचालित करने की जोरदार मांग उठाई।
फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने लिखा पत्र
Maharajganj: फरेन्दा विधानसभा क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर उत्तर प्रदेश विधान सभा में गूंज उठी। फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने बजट सत्र 2025-26 के दौरान 25 फरवरी को आयोजित सभा में फरेंदा चीनी मिल को पुनः संचालित करने की जोरदार मांग उठाई। उन्होंने इसे महज एक औद्योगिक मुद्दा नहीं, बल्कि क्षेत्र की जनता की भावनाओं और किसानों के हित से जुड़ा विषय बताया।'
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधायक चौधरी ने सदन में कहा कि “फरेन्दा विधानसभा के बारे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यहां चुनाव नीति नहीं, बल्कि चीनी मिल नीति के आधार पर लड़े जाते हैं।" उन्होंने उल्लेख किया कि 1992 से हर चुनाव में फरेंदा चीनी मिल का मुद्दा गूंजता है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने बताया कि जब तक यह मिल चालू थी, तब तक स्थानीय किसानों को गन्ना बेचने में सुविधा थी और बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिला हुआ था। लेकिन मिल बंद होने के बाद न तो किसानों को उचित मूल्य मिल पा रहा है और न ही युवाओं को रोजगार का साधन।
चीनी उद्योग विभाग के अनुसार, भारत सरकार के निर्देश पर वर्ष 1994-95 में फरेंदा चीनी मिल को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब स्थितियां काफी बदल चुकी हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र में गन्ने की खेती का रकबा बढ़ा है और उत्पादन भी संतोषजनक है। वर्ष 2024-25 में कुल गन्ना क्षेत्रफल 328.101 हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जिससे लगभग 2.30 लाख क्विंटल गन्ना उत्पादन हुआ है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि क्षेत्र अब चीनी मिल के संचालन के लिए पूर्णतः उपयुक्त है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि मिल के पुनः संचालन के लिए अंतिम निर्णय भारत सरकार के स्तर से ही लिया जाना है और इस विषय में प्रकरण केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। विधायक चौधरी ने सरकार से अपील की है कि किसानों की दुर्दशा और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए शीघ्र निर्णय लिया जाए।
स्थानीय किसानों में भी इस मुद्दे को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। उनका कहना है कि यदि मिल फिर से चालू हो जाती है तो गन्ना की सीधी आपूर्ति से उन्हें उचित मूल्य मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए ग्रामीणों ने सरकार से जल्द से जल्द कार्रवाई की अपेक्षा जताई है।