षटतिला एकादशी 2026: व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण समय और तिल के छह उपायों का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की आराधना का सर्वोत्तम माध्यम माना गया है। षटतिला एकादशी 2026 कब है? जानिए व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण का सही समय, तिल से जुड़े छह विशेष उपाय और भगवान विष्णु की कृपा पाने का आध्यात्मिक महत्व।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 20 December 2025, 3:44 PM IST
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New Delhi: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की आराधना का सर्वोत्तम माध्यम माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और नियमपूर्वक साल की सभी 24 एकादशियों का व्रत करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वर्ष 2026 की पहली एकादशी षटतिला एकादशी होगी, जिसका विशेष महत्व तिल से जुड़े छह उपायों के कारण है।

षटतिला एकादशी 2026 की तिथि

साल 2026 में षटतिला एकादशी व्रत 14 फरवरी 2026 को रखा जाएगा। यह माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व भी मनाया जाएगा, जिससे इस तिथि का पुण्य और अधिक बढ़ जाता है।

षटतिला एकादशी 2026 का शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 13 फरवरी 2026 को दोपहर 3:17 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 14 फरवरी 2026 को शाम 5:52 बजे
  • पूजा का शुभ समय: सुबह 7:15 से 9:53 बजे तक

इस दिन प्रातः स्नान के बाद भगवान विष्णु या सत्यनारायण भगवान की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

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षटतिला एकादशी व्रत पारण मुहूर्त

षटतिला एकादशी का व्रत पारण 15 फरवरी 2026 को किया जाएगा।

  • पारण समय: सुबह 7:15 से 9:21 बजे तक
  • द्वादशी तिथि समाप्त: रात 8:16 बजे

व्रत पारण हमेशा द्वादशी तिथि में और शुभ मुहूर्त के अनुसार करना चाहिए।

षटतिला एकादशी और तिल का गहरा संबंध

माघ मास में तिल का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु से मानी जाती है। षटतिला का अर्थ है तिल के छह प्रकार के उपयोग। कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन तिल का छह तरीकों से प्रयोग करता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है।

तिल के छह शुभ उपाय

  • तिल से स्नान करना
  • तिल से हवन करना
  • तिल का दान करना
  • तिल युक्त भोजन ग्रहण करना
  • तिल मिश्रित जल पीना
  • तिल से भगवान का अभिषेक करना

इन उपायों से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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षटतिला एकादशी का आध्यात्मिक महत्व

मान्यता है कि षटतिला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अज्ञान, दरिद्रता और कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति, आर्थिक बाधाओं के निवारण और आत्मिक शुद्धि के लिए प्रभावी माना जाता है।

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Published : 
  • 20 December 2025, 3:44 PM IST

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