सोनम वांगचुक NSA के तहत जोधपुर जेल में शिफ्ट, हाई-सिक्योरिटी में होगी निगरानी

पर्यावरण कार्यकर्ता और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक को NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर की हाई-सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी ने देशभर में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 27 September 2025, 9:29 AM IST
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Jodhpur: लद्दाख में संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन अब राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है। सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर की उच्च सुरक्षा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

जोधपुर में हाई-सिक्योरिटी में निगरानी

शुक्रवार को वांगचुक को लद्दाख से स्पेशल फ्लाइट के जरिए जोधपुर लाया गया। लेह एयरपोर्ट पर सभी जरूरी औपचारिकताओं के बाद उन्हें राजस्थान लाया गया, जहां सुरक्षा वाहनों के काफिले के साथ उन्हें जेल पहुंचाया गया।
अब उन्हें हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया है, जहां 24 घंटे CCTV निगरानी और सशस्त्र सुरक्षा तैनात की गई है। उनकी मेडिकल जांच भी पूरी कर ली गई है।

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लद्दाख में जारी है कर्फ्यू

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लद्दाख में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रशासन ने लेह जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। प्रमुख शहरों में 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह फैसला 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद लिया गया, जिसमें चार लोगों की मौत और 90 से अधिक लोग घायल हुए थे।

क्या है पूरा मामला?

सोनम वांगचुक पिछले कई महीनों से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। उन्होंने 10 सितंबर को 35 दिन का शांतिपूर्ण अनशन शुरू किया था। इसी बीच, केंद्र सरकार की ओर से 6 अक्टूबर को वार्ता का प्रस्ताव आया। लेकिन 24 सितंबर को लद्दाख में हिंसा भड़क उठी, जिसके लिए प्रशासन ने वांगचुक की भाषणों और भूख हड़ताल को जिम्मेदार ठहराया।

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राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस गिरफ्तारी पर कई राजनीतिक नेताओं और संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के पूर्वा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) ने कहा, यह तानाशाही का चरम है, देश एक कठिन दौर से गुजर रहा है। जबकि, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र अपने ही किए वादों से मुकर गया है।

सोनम वांगचुक की पत्नी का बयान

सोनम वांगचुक की पत्नी गितांजलि अंगमो, जो खुद एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, उन्होंने कहा, “सरकार एक झूठी कहानी बना रही है। मेरे पति को ऐसे ट्रीट किया जा रहा है जैसे वे कोई आतंकी हों। यह लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।”

FCRA लाइसेंस रद्द

गिरफ्तारी से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने वांगचुक के संगठन SECMOL (Students' Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA लाइसेंस भी रद्द कर दिया। सरकार ने इसका कारण वित्तीय अनियमितता बताया, जबकि समर्थकों का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।

NSA के तहत गिरफ्तारी का अर्थ

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत सरकार किसी भी व्यक्ति को बिना आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रख सकती है। इसमें जमानत नहीं मिलती और हिरासत की समीक्षा एक सलाहकार बोर्ड करता है। सरकार का कहना है कि वांगचुक की गतिविधियां जन सुरक्षा के लिए खतरा थीं।

Location : 
  • Jodhpur

Published : 
  • 27 September 2025, 9:29 AM IST