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बाड़मेर जिले को वर्षा जल संग्रहण और जन भागीदारी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया जाएगा।
टीना डाबी को राष्ट्रपति से 2 करोड़ का जल संरक्षण पुरस्कार
Barmer: बाड़मेर जिले को वर्षा जल संग्रहण और जन भागीदारी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया जाएगा।
इस पुरस्कार के रूप में बाड़मेर जिले को दो करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। जिले की ओर से यह सम्मान जिला कलक्टर टीना डाबी ग्रहण करेंगी। जिला कलक्टर टीना डाबी ने बताया कि जिले में वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत बड़े पैमाने पर टांका निर्माण कराया गया है।
इस पहल से ग्रामीणों को 3-4 माह तक मीठा पानी उपलब्ध हो रहा है, जबकि पहले बारिश का अधिकांश पानी बह जाता था।
टीना डाबी ने बताया कि यह समुदाय-संचालित मॉडल जिले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम श्रेणी में स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण रहा। इस मॉडल के अंतर्गत ग्रामीण सक्रिय रूप से जल संचयन और संरक्षण में भाग ले रहे हैं। इससे स्थानीय जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्भरण सुनिश्चित हुआ है।
अभियान के तहत बाड़मेर जिले में भवनों की छतों पर वर्षा जल संचयन संरचनाएं विकसित की गईं। इसके साथ ही झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनरुद्धार भी किया गया। जल शक्ति अभियान के अंतर्गत राज्यों को पांच क्षेत्रों में विभाजित कर कम से कम 10,000 कृत्रिम पुनर्भरण और जल भंडारण संरचनाएं बनाने के लक्ष्य दिए गए हैं।
शहरी क्षेत्रों में यह कार्य आवास और शहरी कार्य मंत्रालय तथा जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से गति पकड़ रहा है।
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इस वर्ष प्रथम जल संचय जन भागीदारी सम्मान के अंतर्गत कुल 100 पुरस्कार घोषित किए गए हैं। इनमें तीन राज्य, 67 जिले, छह नगर निगम, एक शहरी स्थानीय निकाय, दो मंत्रालय/विभाग, दो उद्योग, तीन गैर सरकारी संगठन, दो परोपकारी संस्थाएं और 14 नोडल अधिकारी शामिल हैं।
पुरस्कारों का चयन पोर्टल पर अपलोड किए गए सत्यापित आंकड़ों के आधार पर किया गया। बाड़मेर जिले की यह पहल वर्षा जल संरक्षण और जन भागीदारी के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल साबित हो रही है, जिससे ग्रामीणों को स्थायी जल उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।