

राजस्थान के भीलवाड़ा से स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग
भीलवाड़ा: एक तरफ केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार जनता को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनायो के माध्यम से उन तक पहुँचने कि कोशिश कर रही है, वहीँ योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए नियुक्त अफसर और संविदा कर्मचारी योजनाओं में मनमाने ढंग से भ्रष्टाचार कर सरकार की मंशा को धराशायी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। ऐसा ही स्वास्थ्य विभाग के कई मामले जिले में सुर्खियाँ बटोर रहे है। जिसमे एक संविदा कर्मचारी अपने आकाओं के बल पर मनमाने ढंग से कार्य करते हुए सरकार एवं विभाग को आकंठ भ्रष्टाचार में धकेल कर भी चैन की बंसी बजा रहा है |
जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में भ्रष्टाचार के चलते उजागर हो रहे मामले सुर्खियाँ बटोर रहे है, चाहे एनएचएम में की गई संविदा पर भर्ती हो या फिर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में हो रही भुगतान में अनियमितता, महिलाओं को छुट्टी के दिन बुलाने, टेंडर में सांठ गाँठ सहित तमाम आरोप लग रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसारयोजना को इमानदारी से संचालित करने का दायित्व निभाने वाले जिले के सीएमएचओ सी पी गोस्वामी एवं संविदा पर नियुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक तुषार भटनागर भ्रष्टाचार एवं अनैतिक कृत्यों के घेरे में आ गए है। सीएमएचओ एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने टीम गठित कर जांच शुरूं करा दी है।
तुषार भटनागर को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर आरोपों की जांच पूरी होने तक जयपुर मुख्यालय लगा कर आला अधिकारीयों ने भी इतिश्री कर ली है। ऐसे में विभाग के आला अफसरों द्वारा की गई कार्यवाही को भी जनता संदेह की नजर से देख रही है और जांच कितनी और कहाँ तक सही होगी, इस पर भी सवाल उठ रहे है। विभाग मे बह रही भ्रष्टाचार की गंगा को देखते हुए एक तरफ जहाँ आम आदमी खुद को ठगा महसूस कर रहा है वहीं आरोपों पर हुई कार्यवाही से वह यह भी समझ रहा है कि यह केवल एक आदमी तक सीमित नहीं है बल्कि नीचे से लेकर ऊपर तक सभी सम्मिलित है। ऐसे में सरकार कि मंशा कैसे पूरी होगी यह भी देखना दिलचस्प होगा।
इस बाबत सीएमएचओ सी पी गोस्वामी से पक्ष जानने के लिए जब कॉल किया गया तो फोन लगातार व्यस्त पाया गया। जिला कार्यक्रम समन्वयक तुषार मेहता ने बताया कि आरोपों से मेरा कोई मतलब नही है, ना ही किसी आरोप का मुझसे कोई सम्बंध है, मुझे कुछ अन्य विभागीय कार्य के चलते जयपुर बुलाया गया हैं।