

रामदास आठवले ने दलित राजनीति को एक मंच पर लाने की बात कही है। उन्होंने मायावती को इस संभावित गठबंधन का नेता बनाए जाने की वकालत की। भाजपा के साथ गठबंधन को भी उन्होंने दलित हित में उठाया गया कदम बताया।
मायावती
Lucknow: रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने देश में दलित राजनीति को फिर से संगठित करने की जरूरत पर जोर दिया है। एक ताजा साक्षात्कार में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि भविष्य में देश में दलित राजनीतिक दलों का कोई महागठबंधन बनता है, तो उसका नेतृत्व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती को करना चाहिए। रामदास आठवले का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश की राजनीति में सामाजिक न्याय की बहस फिर से तेज हो गई है। विपक्षी इंडिया गठबंधन, विशेष रूप से राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव, सामाजिक न्याय और आरक्षण के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं।
रामदास आठवले ने जनसत्ता को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि मायावती के पास अनुभव, जनाधार और राजनीतिक नेतृत्व क्षमता है, जो दलित राजनीति को आगे ले जा सकती है। उन्होंने कहा, "अगर दलित पार्टियां एक मंच पर आती हैं, तो मायावती को उसका नेतृत्व करना चाहिए। वे लंबे समय से दलित समाज की आवाज रही हैं।" उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दलित राजनीति लंबे समय से विभाजित रही है, जिससे इस समाज की ताकत कमजोर हुई है। आठवले ने कहा कि समय आ गया है कि दलित समाज के सभी राजनैतिक धड़े अपने मतभेदों को भूलकर एकजुट हो जाएं।
मायावती
आठवले ने अपने साक्षात्कार में यह भी स्वीकार किया कि संविधान में मिले अधिकारों और आरक्षण व्यवस्था के बावजूद दलित समाज के खिलाफ भेदभाव और अन्याय की घटनाएं अभी भी थमी नहीं हैं। उन्होंने कहा, "आज भी गांवों और कस्बों में दलितों के साथ अपमानजनक व्यवहार होता है। आरक्षण सिर्फ नौकरी और शिक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहिए, सामाजिक समानता भी ज़रूरी है।"
रामदास आठवले ने यह भी कहा कि कांग्रेस और भाजपा जैसे बड़े राजनीतिक दलों में दलित नेताओं की मौजूदगी है, लेकिन दलित मुद्दों पर ये दल अक्सर चुप्पी साध लेते हैं या उन्हें प्राथमिकता नहीं देते। उन्होंने कहा कि दलित समाज को अगर अपने अधिकारों को लेकर ताकतवर बनना है, तो स्वतंत्र दलित नेतृत्व की आवश्यकता है। इससे उनकी आवाज संसद और विधानसभाओं में प्रभावशाली ढंग से पहुंच सकेगी।
2016 में भाजपा के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन के बारे में पूछे गए सवाल पर आठवले ने स्पष्ट किया कि उन्हें लगा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दलितों के लिए सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने दलितों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जैसे स्टैंड अप इंडिया, स्कॉलरशिप योजनाएं और कौशल विकास कार्यक्रम। मुझे लगा कि उनके साथ रहकर दलित समाज के लिए ज्यादा काम किया जा सकता है।"