

भारत सरकार ने जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव करते हुए 12% और 28% स्लैब खत्म कर दिए हैं। अब केवल 5% और 18% की दरें लागू होंगी। कांग्रेस इसे अपनी जीत बता रही है और राहुल गांधी ने अपने पुराने ट्वीट्स शेयर कर बीजेपी पर निशाना साधा है।
GST में बदलाव पर कांग्रेस का हमला
New Delhi: भारत सरकार ने हाल ही में जीएसटी (GST) संरचना में बड़े बदलाव की घोषणा की है। 22 सितंबर से लागू होने वाले इन नए नियमों के तहत अब जीएसटी की दरें केवल 5% और 18% रह जाएंगी। सरकार ने 12% और 28% के टैक्स स्लैब खत्म कर दिए हैं। सरकार का दावा है कि इससे आम आदमी और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, कांग्रेस इस फैसले को अपनी जीत और बीजेपी की "देरी से हुई स्वीकारोक्ति" बता रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर अपने 8 और 9 साल पुराने ट्वीट्स सोशल मीडिया पर रिपोस्ट किए।
• 2016 के ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि जीएसटी दर पर 18% की सीमा सभी के हित में है।
• 2017 में उन्होंने लिखा था कि देश को “गब्बर सिंह टैक्स” नहीं बल्कि एक सरल और प्रभावी जीएसटी चाहिए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस की ओर से 18% कैप के साथ एक रेट का प्रस्ताव दिया था।
राहुल गांधी ने दोहराया कि अगर बीजेपी यह काम नहीं करेगी, तो कांग्रेस इसे लागू करेगी। अब जब सरकार ने दरों को सरल बनाया है, तो कांग्रेस का कहना है कि वह इसे पहले दिन से कह रही थी।
GST में बदलाव पर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आठ साल तक गरीब और मध्यम वर्ग पर बोझ डाला गया, अब जाकर सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ। कांग्रेस का दावा है कि इस दौरान लाखों छोटे कारोबारी और आम जनता जीएसटी की जटिलताओं और ऊंची दरों से परेशान रहे।
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सरकार को घेरते हुए कहा कि मैं आठ साल बाद सरकार को अपनी गलती का एहसास होने पर बधाई देता हूं। लेकिन सवाल है कि जब कांग्रेस ने संसद में यही सुझाव दिया था, तो उस समय इसे क्यों नज़रअंदाज किया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने वर्षों तक गरीब और मध्यम वर्ग को निचोड़ा। चिदंबरम ने कहा कि उस समय अगर सरकार ने उनकी सलाह मानी होती तो आज करोड़ों लोग आर्थिक बोझ से बच सकते थे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस फैसले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कांग्रेस लंबे समय से GST 2.0 की मांग करती रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को जीएसटी दरों को घटाने का संकेत दिया था और अब परिषद ने उसी पर मुहर लगा दी। इससे साफ है कि अब जीएसटी परिषद की बैठकें केवल औपचारिकता बनकर रह गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2017 में कांग्रेस ने ही आगाह किया था कि यह “गुड एंड सिंपल टैक्स” नहीं बल्कि “ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स” है।
आर्थिक गतिविधियों में रफ्तार: जीएसटी रिफॉर्म से व्यापारियों को मिलेगा लाभ, शेयर बाजार में आई तेजी
सरकार की ओर से पेश किए गए नए जीएसटी नियमों से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
• अब साबुन, शैम्पू, हेयर ऑयल, टूथब्रश और टेबलवेयर जैसे रोज़मर्रा के इस्तेमाल के सामान पर टैक्स घटकर 5% रह जाएगा।
• पहले इन वस्तुओं पर 12% या 18% जीएसटी देना पड़ता था।
• विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा और बाजार में खपत भी बढ़ेगी।