

मैनपुरी में सपा विधायक बृजेश कठेरिया ने ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की वकालत की। उन्होंने संसद में विपक्ष की आवाज दबाने और सरकार की चुप्पी को लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया।
बृजेश कठेरिया का सरकार पर निशाना
Mainpuri: देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर जारी विवाद पर समाजवादी पार्टी के विधायक बृजेश कठेरिया ने बड़ा बयान दिया है। मैनपुरी में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि EVM के जरिए लोकतंत्र के भविष्य पर सवालिया निशान लगाना बेहद गंभीर विषय है और सरकार की ओर से विपक्ष की आवाज को दबाना लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है।
सपा विधायक ने कहा कि भारत को आजादी बहुत संघर्ष के बाद मिली है। हजारों-लाखों लोगों ने अपनी जान न्योछावर की, तब जाकर यह देश स्वतंत्र हुआ। आजादी के बाद देश ने एक संविधान अपनाया, जिसमें प्रत्येक नागरिक को अपने संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं की गारंटी दी गई। उन्होंने कहा, "देश की सबसे बड़ी संस्था संसद है, जहां से नीतियां बनती हैं, सरकारें बनती हैं और 140 करोड़ लोगों का भविष्य तय होता है। जब उसी संस्था में विपक्ष की आवाज को दबाया जाए और सवालों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने वाला कृत्य है।"
EVM पर बड़ा बयान: सपा विधायक बृजेश कठेरिया बोले- बैलेट पेपर से चुनाव से क्यों डरती है सरकार?@MlaBrajesh @samajwadiparty #BiharSIR_2025 #Samajwadiparty pic.twitter.com/eSSfjbg0BR
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 29, 2025
विधायक बृजेश कठेरिया ने EVM पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि, "EVM को लेकर देशभर में संशय की स्थिति है। जिस देश ने सबसे पहले EVM का इस्तेमाल शुरू किया, उसने अब इस प्रणाली को ही बंद कर दिया है।" उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार को अपने कार्यों पर भरोसा है और चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने में हिचक क्यों? यदि EVM और बैलेट पेपर दोनों से एक जैसे ही परिणाम आएंगे तो फिर जनता की मांग मानने में क्या परेशानी है?
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सपा विधायक ने मौजूदा सरकार पर संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी ने संसद में सवाल उठाए, तो सरकार ने एफिडेविट की मांग की। लेकिन जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एफिडेविट प्रस्तुत किया, तो उसका कोई जवाब नहीं मिला। कठेरिया ने कहा, "पहले सरकार खुद एफिडेविट की बात करती है और जब विपक्ष वह पेश करता है तो चुप्पी साध लेती है। यह दोहरा रवैया लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। यह रवैया सवालों से भागने वाला और जवाबदेही से बचने वाला है।"
उन्होंने भाजपा पर विपक्ष की बातों को डाइवर्ट करने और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप भी लगाया। कठेरिया ने कहा कि, "भाजपा कहती है कि जहां कांग्रेस की सरकारें हैं वहां सवाल क्यों नहीं उठते। लेकिन असली सवाल यह है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जनविश्वास जरूरी है। अगर पूरे देश की मांग है कि बैलेट पेपर से चुनाव हो तो सरकार को इसमें आपत्ति क्यों है?"