

बिहार चुनाव 2025 के करीब आते ही सियासी माहौल गर्म हो गया है। राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और ‘हाइड्रोजन बम’ बयान से विपक्ष को मजबूती मिली, लेकिन केरल कांग्रेस की विवादित पोस्ट और दरभंगा की गालीकांड घटना ने विपक्ष की छवि को नुकसान पहुंचाया और भाजपा को हमला करने का मौका दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांघी (फोटो सोर्स गूगल)
Prayagraj: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू होते ही सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और ‘हाइड्रोजन बम’ बयान से जहां विपक्ष को एक मजबूत नैरेटिव मिलता नजर आया, वहीं केरल कांग्रेस की एक सोशल मीडिया पोस्ट और दरभंगा रैली में हुई एक विवादित घटना ने महागठबंधन की रणनीति को कमजोर कर दिया। भाजपा और जेडीयू ने इन मुद्दों को जनता की भावनाओं से जोड़कर विपक्ष को घेरना शुरू कर दिया है।
1 सितंबर 2025 को पटना में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन पर राहुल गांधी ने कहा कि अब बिहार में 'हाइड्रोजन बम' फटेगा। यह बयान उनके वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों के आरोपों का हिस्सा था। उन्होंने आरोप लगाया कि बेंगलुरु साउथ की महादेवपुरा सीट पर 1 लाख से अधिक फर्जी वोटर थे और अब वे 48 अन्य सीटों पर खुलासा करेंगे। इस बयान से उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।
राहुल के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने तीखा पलटवार किया। मांझी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “एटम बम से चींटी तक नहीं मरी, हाइड्रोजन बम का भी वही हाल होगा।” रविशंकर प्रसाद ने इसे गैरजिम्मेदाराना करार दिया। भाजपा ने इसे जनता को गुमराह करने वाला बयान बताया।
जब राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ की चर्चा चल रही थी, तभी केरल कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक विवादित पोस्ट सामने आई। 5 सितंबर को पोस्ट की गई एक तस्वीर में लिखा था: “बीड़ी और बिहार दोनों ‘ब’ से शुरू होते हैं, अब इसे पाप नहीं माना जा सकता।” इसे बिहार का अपमान मानते हुए भाजपा और जेडीयू ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पहले प्रधानमंत्री की मां का अपमान करती है, अब पूरे बिहार का। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इसे बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान पर हमला बताया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राजद नेता तेजस्वी यादव से भी इस पर स्पष्टीकरण मांगा।
28 अगस्त को दरभंगा में राहुल गांधी की रैली के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर 'गाली की राजनीति' का आरोप लगाया। अमित शाह ने इसे 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' करार दिया और राहुल गांधी से माफी की मांग की।
केरल कांग्रेस की पोस्ट और दरभंगा की घटना ने महागठबंधन के नैरेटिव को कमजोर कर दिया है। बिहार में मतदाता भावनात्मक मुद्दों पर तीव्र प्रतिक्रिया देते हैं और भाजपा इसे भुनाने में सक्षम नजर आ रही है। तेजस्वी यादव ने माफी की मांग की है, लेकिन नुकसान हो चुका है।
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राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने शुरुआत में विपक्ष को मजबूती देने की कोशिश की थी, लेकिन विवादों ने उसका असर कमजोर कर दिया। भाजपा और जेडीयू इन मुद्दों को भावनात्मक रंग देकर जनता के बीच पैठ बना रहे हैं। आगामी चुनावों में महागठबंधन को अपनी रणनीति फिर से मजबूत करनी होगी। राहुल गांधी को अपने आरोपों के ठोस प्रमाण देने होंगे, वहीं कांग्रेस को सोशल मीडिया और मंचों पर संयम बरतना होगा। अब देखना होगा कि बिहार की सियासत में राहुल का 'हाइड्रोजन बम' फटेगा या केरल कांग्रेस का 'बीड़ी बम' विपक्ष की नैया डुबो देगा।