

भारतीय रेलवे में अतिरिक्त सामान पर शुल्क लेने को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार ने रेलवे को “खोखला” कर दिया है और यह फैसला गरीबों के खिलाफ है। उन्होंने भाजपा से इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
Lucknow: भारतीय रेलवे में एक नए नियम की अफवाह के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रेलवे को "खोखला" कर दिया है और यह नया फैसला गरीब यात्रियों के खिलाफ है।
यात्री के सामान के लिए अतिरिक्त चार्ज
हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भारतीय रेलवे अब ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों के सामान के लिए अतिरिक्त चार्ज वसूल करेगा, यदि वह निर्धारित सीमा से अधिक वजन ले जाएंगे। इस खबर ने यात्रियों में चिंताएं पैदा कर दी थीं, खासकर गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के बीच, जो यात्रा के दौरान अतिरिक्त सामान लेकर जाते हैं। इस नए नियम के अनुसार, यात्रियों को अतिरिक्त सामान के लिए शुल्क चुकाना होगा, जो उन्हें पहले से निर्धारित सीमा से अधिक वजन ले जाने पर देना होगा। यह नियम खासतौर पर उन यात्रियों को प्रभावित कर सकता है जो घरों में राशन, दाल-चावल और अन्य जरूरी सामान लेकर यात्रा करते हैं, जैसे कि कई गरीब परिवार जो केवल साल में एक या दो बार अपने गांव जाते हैं।
रेलवे ने अफवाहों को खारिज किया
हालांकि, भारतीय रेलवे ने इस बारे में मीडिया रिपोर्ट्स को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया है। रेलवे का कहना है कि ऐसी कोई नई नीति लागू नहीं की गई है, और यात्रियों के सामान के अतिरिक्त शुल्क के बारे में जो जानकारी सामने आई है, वह पूरी तरह से गलत है। रेलवे के आधिकारिक बयान में कहा गया कि किसी भी यात्रियों से बिना किसी उचित कारण के अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
अखिलेश यादव का आरोप
इस अफवाह को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि "भाजपा ने रेलवे को खोखला कर दिया है और अब यह नया फैसला गरीबों के खिलाफ है।" अखिलेश ने आरोप लगाया कि इस नए नियम से गरीब मजदूरों और किसानों को नुकसान होगा, जबकि ऐसी-1 और ऐसी-2 में यात्रा करने वाले लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि, "रेल में यात्रियों के सामान को तोलने के नाम पर भ्रष्टाचार का एक और अध्याय खोला जा रहा है। गरीबों से जो राशन, दाल-चावल लेकर घर वापस जाते हैं, उनसे अब क्या भाजपा यह भी छीनने की कोशिश करेगी?" उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला उन गरीब मजदूरों के लिए खासतौर पर कठिनाई पैदा करेगा, जो अपने परिवारों के लिए सामान लेकर जाते हैं, क्योंकि वे कभी-कभी रेलवे यात्रा के दौरान अतिरिक्त सामान ले जाते हैं।
'भाजपा ने गरीबों से उनके हक छीने'
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि अगर भाजपा सरकार ने रेलवे का खजाना खाली कर दिया है, तो उन्हें अपनी सांसदों और विधायकों से कहना चाहिए कि वे अपनी मुफ़्त यात्रा की सुविधा छोड़ दें। उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया, तो जनता भाजपा को जल्द ही सत्ता से बाहर कर देगी। अखिलेश ने कहा, "भाजपा के भ्रष्टाचार ने रेलवे को खोखला कर दिया है। यह निर्णय शर्मनाक है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। अगर भाजपा गरीबों का बोझ नहीं उठा सकती, तो उनके लिए कोई जगह नहीं है।"
समाजवादी पार्टी का रुख
अखिलेश यादव के इस बयान से यह साफ है कि समाजवादी पार्टी इस मामले को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है। वे भाजपा सरकार को गरीब विरोधी और भ्रष्टाचार में लिप्त बताते हुए यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार ने रेलवे जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं को कमजोर कर दिया है। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ा है और पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग इस फैसले के खिलाफ अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। अखिलेश यादव के ट्वीट और बयान से यह स्पष्ट है कि सपा आगामी चुनावों में भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए तैयार है।