

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 से पहले अखिलेश यादव ने BJP पर बड़ा हमला बोला है। विपक्ष ने अंतरात्मा से वोटिंग की अपील की, तो सत्ता पक्ष ने अपनी जीत तय बताई। इमरान मसूद और राजीव राय ने भी चुनाव को संविधान और आत्मा बचाने की लड़ाई बताया है।
अखिलेश का BJP पर निशाना
Lucknow: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गरमाई हुई है। मतदान से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा एक 'इस्तेमाल करो और बाहर करो' पार्टी है। पहले लोगों को इस्तेमाल करती है और फिर किनारे कर देती है।
सपा प्रमुख ने विपक्षी सांसदों से अपील की कि वे अपने वोट अंतरात्मा की आवाज पर दें। उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि उपराष्ट्रपति क्यों हटाए जा रहे हैं। जैसे ही वे उपराष्ट्रपति बनते हैं, उन्हें हटा दिया जाता है। इसका उदाहरण पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हैं। उनके इस बयान ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नए विवाद को जन्म दे दिया है।
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के सांसद राजकुमार सांगवान ने दावा किया कि आज विपक्ष की अंतरात्मा जागेगी और एक बड़ी जीत होगी। भाजपा सिर्फ बहानेबाज़ी करती है। उनको सब पता लग जाएगा। जब जगदीप धनखड़ की अनुपस्थिति और स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठे, तो सांगवान ने कहा धनखड़ जी की तबीयत खराब है, वो जल्द स्वस्थ होकर सामने आएंगे।
अखिलेश का BJP पर निशाना
सहारनपुर सांसद इमरान मसूद ने उपराष्ट्रपति चुनाव को “देश की आत्मा बचाने का चुनाव” करार देते हुए कहा कि इस चुनाव में अगर किसी की अंतरात्मा जागती है तो नतीजे बदल सकते हैं। बहुत सारे सांसदों की अंतरात्मा जागेगी। उनके इस बयान से यह स्पष्ट है कि विपक्ष को क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने एनडीए के घटक दलों से अपील करते हुए कहा कि यह उनका आखिरी मौका है। वे तय करें कि उन्हें ऐसे व्यक्ति का समर्थन करना है जो संविधान की रक्षा करता है या ऐसे व्यक्ति का, जो नफरत फैलाता है। राजीव राय का यह बयान सीधे तौर पर भाजपा के समर्थन वाले उम्मीदवार के खिलाफ है।
• NDA को इस चुनाव में बहुमत की उम्मीद है लेकिन विपक्ष (INDIA गठबंधन) का दावा है कि कई सांसद क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं।
• उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य मतदान करते हैं।
• NDA के पास संख्यात्मक बढ़त है, लेकिन विपक्ष नैतिक आधार पर चुनाव जीतने का दावा कर रहा है।