

बाराबंकी के हैदरगढ़ तहसील में सोमवार को आयोजित समाधान दिवस उस समय तनावपूर्ण माहौल में तब्दील हो गया, जब एक पीड़िता महिला हाथ में चूहा मार दवा लेकर जिलाधिकारी के सामने पहुंच गई। महिला ने आरोप लगाया कि उसकी सात महीने की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे हताश होकर यह कदम उठाया।
समाधान दिवस पर महिला का ड्रामा
Barabanki: बाराबंकी के हैदरगढ़ तहसील में सोमवार को आयोजित समाधान दिवस उस समय तनावपूर्ण माहौल में तब्दील हो गया, जब एक पीड़िता महिला हाथ में चूहा मार दवा लेकर जिलाधिकारी के सामने पहुंच गई। महिला ने आरोप लगाया कि उसकी सात महीने की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे हताश होकर यह कदम उठाया।
घटना के दौरान महिला सत्यभामा सिंह, हाथ में जहरीली दवा की शीशी लेकर डीएम शशांक त्रिपाठी की गाड़ी के पास जा बैठी और रोते हुए अपनी व्यथा सुनाई। महिला का कहना था कि उसके गांव के कुछ दबंगों ने उसकी जमीन, नाली और पाइपलाइन पर अवैध कब्जा कर लिया है। इस मामले को लेकर वह बीते सात महीने से लगातार तहसील और प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रही है, लेकिन उसे सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, कार्रवाई कोई नहीं हुई।
सत्यभामा के हाथ में जहरीली दवा देख मौके पर मौजूद लोगों और अधिकारियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा कारणों को देखते हुए तत्काल महिला को घेरा गया और समझाने का प्रयास किया गया। इस बीच जिलाधिकारी ने खुद स्थिति को संभाला और पीड़िता की पूरी बात शांतिपूर्वक सुनी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने संबंधित अधिकारियों को महिला की शिकायत की जांच कर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “किसी भी पीड़ित को बार-बार न्याय के लिए भटकना न पड़े, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने न सिर्फ तहसील परिसर में सनसनी फैलाई, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वक्त रहते सुनवाई हो जाती, तो महिला को इस तरह का कदम नहीं उठाना पड़ता। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितना त्वरित और प्रभावी एक्शन लेता है।
Barabanki Crime: बाराबंकी में दिनदहाड़े बदमाशों का खौफनाक आतंक, छात्राओं के साथ की ऐसी हरतक