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Viral Video: नदी से निकले सिक्के… और फिर जो निकला उसे देखकर उड़ गए होश!

हम में से कई लोग जब किसी नदी के किनारे से गुजरते हैं, तो उसमें सिक्के डाल देते हैं  या तो शुभ शगुन के लिए, या किसी मनोकामना की पूर्ति की आशा में। वहीं कई लोग पूजा-पाठ के बाद बचे हुए सिक्के नदी किनारे ही छोड़ देते हैं। कुछ जरूरतमंद लोग इन्हीं सिक्कों को ढूंढकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं।
Post Published By: Poonam Rajput
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Viral Video: नदी से निकले सिक्के… और फिर जो निकला उसे देखकर उड़ गए होश!

Howrah: हम में से कई लोग जब किसी नदी के किनारे से गुजरते हैं, तो उसमें सिक्के डाल देते हैं  या तो शुभ शगुन के लिए, या किसी मनोकामना की पूर्ति की आशा में। वहीं कई लोग पूजा-पाठ के बाद बचे हुए सिक्के नदी किनारे ही छोड़ देते हैं। कुछ जरूरतमंद लोग इन्हीं सिक्कों को ढूंढकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं।

ऐसा ही एक वीडियो हाल ही में वायरल हो रहा है जिसमें हावड़ा निवासी रंजीत पासवान, जो एक कंटेंट क्रिएटर हैं और जिनके इंस्टाग्राम पर 2 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, नदी किनारे सिक्के जुटाने पहुंचे। लेकिन इस बार कहानी में आया एक अचानक मोड़, जिसने सबको चौंका दिया।

मिट्टी से सिक्के नहीं, निकली बाली!

वीडियो में रंजीत नदी के किनारे की समतल मिट्टी को उठाते हैं और उसे एक डलिया में भरकर धोने लगते हैं। जैसे ही सारी मिट्टी साफ होती है, कुछ पुराने सिक्के निकलते हैं — जो आम बात है। लेकिन फिर अचानक कुछ चमकदार चीज़ दिखती है।

वो थी एक कान की बाली बस एक ही, और वो भी इतनी चमकदार कि सोने जैसी लग रही थी। रंजीत खुद भी इसे देखकर चौंक जाते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि “हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती”, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि वह असली है या नकली।

लोगों ने किया वीडियो पर कमेंट बम

इस वायरल वीडियो को अब तक 16 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं और लोग मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “भाई बोला कि सिक्के निकलेंगे तो निकलेंगे ही, क्योंकि ये सब वीडियो फिक्स होते हैं।” दूसरे ने कहा, “ये बाली नकली है, असली पहनकर महिलाएं नदी में नहीं जातीं।” एक और यूजर ने मजाक में लिखा, “किसी दिन सांप न मिल जाए मिट्टी से!”

रोज़मर्रा के पीछे छिपी रोमांचक कहानियां

ये वीडियो भले ही छोटा हो, लेकिन इसमें एक बड़ा दिलचस्प एंगल है कि कैसे साधारण दिखने वाली चीजें, जैसे नदी किनारे की मिट्टी, कभी-कभी असाधारण कहानियों को जन्म दे देती हैं। यह केवल सिक्के इकट्ठा करने की बात नहीं थी, बल्कि एक ऐसे मोमेंट की, जिसने लाखों लोगों को आकर्षित किया।

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