

यूकेएसएसएससी परीक्षा को लेकर शनिवार को देहरादून से बड़ी खबर सामने आई है। पेपर लीक मामले में उत्तराखंड सरकार ने युवाओं के पक्ष में बड़ा कदम उठाते हुए जरूरी फैसला लिया है। जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है।
यूकेएसएसएससी की परीक्षा रद्द
Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC द्वारा 21 सितंबर को कराई गई स्नातक स्तरीय पटवारी परीक्षा को सरकार ने रद्द कर दिया है। यह फैसला पेपर लीक प्रकरण के सामने आने और छात्रों के बढ़ते आक्रोश के बाद लिया गया है।
गौरतलब है कि परीक्षा की गड़बड़ियों की जांच SIT और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी.ध्यानी की अध्यक्षता वाले एकल सदस्यीय जांच आयोग को सौंपी गई थी। रिपोर्ट के बाद सरकार ने परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया।
हरिद्वार जिले के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र का अंश बाहर आने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाया था। यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय पटवारी परीक्षा अब रद्द कर दी गई है।
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सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) के साथ ही सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। आयोग ने परीक्षार्थियों और संबंधित पक्षों से जनसुनवाई के माध्यम से राय मांगी। परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत जांच के आदेश दिए।
यूकेएसएसएससी मामले में सरकार का ने लिया बड़ा फैसला
कई युवाओं ने परीक्षा प्रक्रिया में खामियों की शिकायतें कीं और परीक्षा रद्द करने की मांग उठाई। इसी बीच, आंदोलन कर रहे युवाओं ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी। मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर छात्रों से संवाद किया और न्याय का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि “जब तक जीवित हूँ, एक-एक छात्र को न्याय मिलेगा।” मुख्यमंत्री की इस आश्वासन के बाद आंदोलनकारी युवाओं ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया था।
जांच आयोग की रिपोर्ट में परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं की पुष्टि हुई, जिसके बाद सरकार ने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया। शुक्रवार को भाजपा के कई विधायकों खजान दास, दिलीप रावत, विनोद कंडारी, बृजभूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट और रेणु बिष्ट ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर परीक्षा निरस्त करने की मांग का समर्थन भी किया।
पेपर लीक के मामलों पर सरकार का यह सख्त कदम उन युवाओं के लिए राहत की खबर है, जो लंबे समय से निष्पक्ष परीक्षा की मांग कर रहे थे। अब देखना होगा कि नई परीक्षा प्रक्रिया कब और किस सख्ती के साथ आयोजित की जाती है।
सूत्रों के अनुसार, आयोग जल्द ही परीक्षा निरस्तीकरण की औपचारिक अधिसूचना जारी करेगा और नई परीक्षा तिथि पर विचार किया जा रहा है।