

उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीबी को जड़ से मिटाने के लिए एक क्रांतिकारी पहल करते हुए ‘जीरो पावर्टी अभियान’ की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के निर्धन परिवारों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें सामाजिक मुख्यधारा से भी जोड़ना है।
UP सरकार का ‘जीरो पावर्टी अभियान’
Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीबी को जड़ से मिटाने के लिए एक क्रांतिकारी पहल करते हुए ‘जीरो पावर्टी अभियान’ की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के निर्धन परिवारों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें सामाजिक मुख्यधारा से भी जोड़ना है। इस अभियान के तहत चिन्हित गरीब परिवारों के मुखियाओं को ‘गारंटीड स्किलिंग प्रोग्राम’ से जोड़ा जाएगा, ताकि वे रोजगार योग्य बन सकें और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, यह योजना केवल मदद करने का माध्यम नहीं है, बल्कि गरीबों को आत्मसम्मान और अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पहले चरण में 300 निर्धन परिवारों के मुखियाओं को व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद यह अभियान प्रदेश के सभी चिन्हित परिवारों तक पहुंचाया जाएगा।
प्रशिक्षण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) को दी गई है। इस मिशन से करीब एक हजार ट्रेनिंग पार्टनर भी जुड़े हैं जो प्रशिक्षण को गुणवत्तापूर्ण और व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार बनाएंगे। यह प्रशिक्षण एक 360 डिग्री मॉडल पर आधारित होगा, जिसमें ऑफिस क्लीनिंग, टॉयलेट क्लीनिंग, हाउसकीपिंग, गेस्ट अटेंडेंट, हॉस्पिटैलिटी जैसी सात प्रमुख स्किल्स शामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को लैंग्वेज स्किल्स की ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वे कॉर्पोरेट क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ कार्य कर सकें।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लाभार्थियों को न्यूनतम ₹18,400 मासिक वेतन वाली नौकरी प्रदान की जाएगी। यह एक गारंटीड प्लेसमेंट स्कीम है, जिसके तहत प्रतिभागियों को सीधे देश और विदेश की प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार मिलेगा। होटल ताज, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एल एंड टी, मेदांता और अडानी ग्रुप जैसी कंपनियों ने इस अभियान में भागीदारी की पुष्टि की है। अब तक 40 से अधिक प्रमुख कंपनियों और उद्योगपतियों ने इन प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देने की प्रतिबद्धता जताई है।
यह पहली बार है जब कोई राज्य सरकार इस तरह से सीधे गरीबों को कौशल विकास के माध्यम से निजी क्षेत्र में सम्मानजनक रोजगार से जोड़ रही है। यह अभियान न केवल आर्थिक सुधार की दिशा में एक ठोस प्रयास है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता को भी मजबूती प्रदान करता है। योगी सरकार का मानना है कि जब तक समाज का सबसे कमजोर व्यक्ति विकास की मुख्यधारा में नहीं आता, तब तक विकास अधूरा है।
‘जीरो पावर्टी अभियान’ इस सोच का विस्तार है कि सरकार सहायता नहीं, बल्कि अवसर दे। यह उत्तर प्रदेश को न केवल एक विकसित राज्य की दिशा में अग्रसर करेगा, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायी मॉडल भी प्रस्तुत करेगा। यह अभियान साबित करता है कि उत्तर प्रदेश अब केवल विकास की बात नहीं कर रहा, बल्कि उस विकास में हर नागरिक को भागीदार बनाने की दिशा में भी ठोस काम कर रहा है।