

पिथौरागढ़ जनपद में पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और जिला बाल कल्याण समिति ने मिलकर एक सराहनीय और जनहितकारी पहल की है। मंगलवार को ज्ञानदीप इंटर कॉलेज, पिथौरागढ़ में भिक्षावृत्ति, बाल श्रम और मानव तस्करी जैसी गंभीर सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इसके साथ ही, “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत छात्रों और उपस्थित लोगों को नशा न करने की शपथ भी दिलाई गई।
पिथौरागढ़ में अनोखा अभियान
Pithoragarh: पिथौरागढ़ जनपद में पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और जिला बाल कल्याण समिति ने मिलकर एक सराहनीय और जनहितकारी पहल की है। मंगलवार को ज्ञानदीप इंटर कॉलेज, पिथौरागढ़ में भिक्षावृत्ति, बाल श्रम और मानव तस्करी जैसी गंभीर सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इसके साथ ही, “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत छात्रों और उपस्थित लोगों को नशा न करने की शपथ भी दिलाई गई।
इस कार्यक्रम में एचसीपी तारा बोनाल, हेड कांस्टेबल दीपक खनका, कांस्टेबल रणवीर कम्बोज, तथा जिला बाल कल्याण विभाग से लीला बंग्याल और ललिता पंत ने सक्रिय भागीदारी निभाई। अभियान के दौरान वक्ताओं ने उपस्थित विद्यार्थियों और नागरिकों को बताया कि भिक्षावृत्ति न केवल बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बनाती है, बल्कि यह एक गहरी सामाजिक और कानूनी समस्या भी है।
कार्यक्रम में बाल अधिकारों, बाल श्रम निषेध अधिनियम, और मानव तस्करी से संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि किसी भी नाबालिग से काम करवाना या उसे सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर करना, कानूनन दंडनीय अपराध है। इसी कड़ी में लोगों को यह भी बताया गया कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या बाल कल्याण समिति को दें।
कार्यक्रम में “नशा मुक्त भारत” अभियान को भी प्रमुखता से शामिल किया गया, जिसमें सभी छात्रों और उपस्थित जनों को नशे से दूर रहने और समाज में इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने की शपथ दिलाई गई। वक्ताओं ने बताया कि नशा न केवल युवाओं का भविष्य बर्बाद करता है, बल्कि यह अपराध, मानसिक रोग और सामाजिक विघटन का भी बड़ा कारण बनता है।
पुलिस और जिला प्रशासन की इस संयुक्त पहल को क्षेत्रवासियों ने सराहा और भरोसा जताया कि भविष्य में ऐसे प्रयास समाज को अधिक सुरक्षित और संवेदनशील बनाएंगे। इसके अलावा, पिथौरागढ़ में सघन चेकिंग अभियान भी चलाया गया, जिसमें पुलिस ने पोस्टर और पंपलेट वितरित कर लोगों को जागरूक किया।
यह अभियान न केवल एक शिक्षात्मक प्रयास था, बल्कि यह एक सामाजिक संकल्प भी बन गया है—ऐसे समाज की ओर, जहाँ हर बच्चा सुरक्षित, शिक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।
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