

सोनभद्र के उरमौरा वार्ड 21 में मानकों की अनदेखी कर बनाई जा रही नाली के विरोध में स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। नाली की गहराई, ढलान और मजबूती को लेकर सवाल उठे हैं।
स्थानीय लोगों ने किया जोरदार प्रदर्शन
Sonbhadra: नगर पालिका परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 21 उरमौरा में चल रहे नाली निर्माण कार्य को लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई जा रही नाली निर्माण में निर्माण मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिससे भविष्य में भारी जलभराव और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व वार्ड के सभासद मुकेश कुमार सिंह ने किया, जो खुद भी इस मुद्दे को लेकर बेहद नाराज नजर आए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उरमौरा से होकर वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग तक जाने वाली मुख्य सड़क के किनारे बनाई जा रही नाली मात्र 1 से 1.5 फीट गहरी है, जबकि उरमौरा बस्ती की अन्य नालियां इससे कहीं अधिक गहरी हैं। ऐसे में बस्ती से निकलने वाला बारिश का पानी या घरेलू जल निकासी इस सतही नाली के माध्यम से संभव नहीं हो पाएगी।
प्रदर्शन में शामिल रहवासियों ने बताया कि दर्जनों गांवों का वर्षा जल इसी मार्ग से गुजरता है, जो आगे जाकर इमरती बार्डर होते हुए मुख्य नाले तक पहुंचता है। ऐसे में यदि ढक्कनयुक्त और चौड़ी नाली का निर्माण न किया गया तो पानी की निकासी बाधित हो जाएगी, जिससे जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नाली का ढलान पूरी तरह बेतरतीब है, जिससे पानी रुककर सड़ांध पैदा कर सकता है। इसके अलावा, ईंट की एक कमजोर दीवार खड़ी कर नाली बनाई जा रही है, जो पहले से निर्मित बोल्डर की मजबूत दीवार के साथ मेल नहीं खा रही है। कई गलियों में यह नाली गलियों की सतह से 1-2 फीट ऊंची है, जिससे पानी का बहाव नीचे से ऊपर की ओर असंभव हो जाएगा।
नगर पालिका प्रशासन को इस संबंध में पहले ही सूचित किया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द इस कार्य में सुधार नहीं हुआ, तो वे जिलाधिकारी कार्यालय तक जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे और आवश्यकतानुसार आंदोलन भी करेंगे।
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इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। ग्रामीणों की एक ही मांग है कि नाली निर्माण कार्य को जल्द से जल्द मानक के अनुरूप पूरा किया जाए ताकि उन्हें भविष्य में जलनिकासी से जुड़ी समस्याओं का सामना न करना पड़े।