

नैनीताल के लालकुआं में बुधवार रात को हाथियों का झुंड रिहायशी इलाके में घुस गया जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। लोगों ने शोर मचाकर हाथियों को जंगल की तरफ भगा दिया।
रिहायशी इलाके में घुसे हाथी
Nainital: जनपद के लालकुआं में बुधवार रात को हाथियों का झुंड रिहायशी इलाके में घुस गया। हाथी जोर-जोर से चिंगाड़ रहे थे। जिससे लोग जाग गए और दहशत में आ गए।
आधी रात को शहर में पहुंच हाथियों के झुंड की तेज चिंघाड़ से नगर वासियों जाग गए। साथ ही लोग अपने घरों के पास हाथियों को देखकर दहशत में आ गए।
लोगों ने बताया कि वार्ड नंबर 1 में हाथियों की मौजूदगी से आधी रात को ही उक्त हाथी कौतूहल का विषय बन गए। लगभग एक डेढ़ घंटे तक हाथियों का झुंड वार्ड नंबर एक स्थित प्राचीन मंदिर में घूमते रहे।
केले के पत्ते खाते हाथी
इसके बाद नगरवासियों ने शोर मचा कर एवं दो पहिया वाहनों के हौरन बजाकर हाथियों को जंगल की ओर भगाने के लिए प्रयास किया। जब हाथी जंगल की ओर गए तब कॉलोनी वासियों ने राहत की सांस ली। इस घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
समाजसेवी मुकेश कुमार ने बताया कि झुंड में लगभग 10 से 12 हाथी मौजूद थे जो देर रात मंदिर पर पहुँचे जहाँ उन्होंने केले और पीपल के पते खाये और बाद में बिना कोई नुकसान किये वहां से चले गए।
उन्होंने कहा कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में हाथी देखे गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आवासीय क्षेत्र में हाथियों के आने की ये पहली घटना है। उन्होंने कहा कि घनी आबादी वाली कॉलोनियां भी बसी हुई हैं। ऐसे में हाथियों की खुलेआम आवाजाही कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
गनीमत रही कि रिहायशी इलाकों में खुले आम घूम रहे ये जंगली जानवर हिंसक नहीं हुए अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
लोगों ने वन विभाग से हाथियों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण हाथी अक्सर रिहायसी क्षेत्रों की तरफ बढ़ आते हैं। खेतों में लगी फसलें और गांवों के पास मौजूद जलस्रोत हाथियों को आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जब हाथियों का झुंड गांवों के नजदीक आ पहुंचता है।
ग्रामीणों को दी गई चेतावनी
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथियों के झुंड से पूरी तरह दूर रहें और रात के समय घर से बाहर निकलने से बचें। उन्होंने कहा कि हाथी शांत स्वभाव के होते हैं, लेकिन अचानक घबराहट या उकसावे की स्थिति में हमला कर सकते हैं। इसलिए ग्रामीण सतर्क रहें और हाथियों को देखने पर तुरंत वन विभाग को सूचना दें।