

सुल्तानपुर को पहली बार 125 एकड़ में इंडस्ट्रियल एरिया मिलने जा रहा है। डीएम कुमार हर्ष और एडीएम सुधाकरण की पहल से यह परियोजना स्थानीय रोजगार, औद्योगिक विकास और जिले की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी।
एडीएम एफआर एस. सुधाकरण
Sultanpur: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में आर्थिक विकास और औद्योगिक प्रगति की दिशा में ऐतिहासिक पहल की गई है। जिलाधिकारी कुमार हर्ष और एडीएम एफआर एस. सुधाकरण की सक्रिय भूमिका और दूरदर्शी सोच के चलते जिले को उसका पहला औद्योगिक इंडस्ट्रियल एरिया मिलने जा रहा है। तहसील सदर सुल्तानपुर यह क्षेत्र कुड़वार विकासखंड के असरोगा टोल प्लाजा के पास लगभग 125 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा।
भूमि चिन्हित, किसानों से मिली सहमति
औद्योगिक क्षेत्र के लिए जरूरी भूमि का चिन्हांकन एडीएम एफआर सुधाकरण द्वारा किया गया। इसके बाद एसडीएम सदर विपिन द्विवेदी को किसानों से सहमति लेने की जिम्मेदारी दी गई, जिसे सफलता के साथ पूरा कर लिया गया है। अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शासन के पास प्रस्तावित की जा चुकी है और बजट के आवंटन के बाद किसानों को मुआवजे की उचित धनराशि देकर अधिग्रहण शुरू किया जाएगा।
स्थानीय रोजगार में होगा इज़ाफा, जिले को मिलेगा औद्योगिक पहचान
यह परियोजना न केवल सुल्तानपुर में स्थानीय रोजगार के नए द्वार खोलेगी, बल्कि जिले की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को भी मजबूती प्रदान करेगी। वर्षों से औद्योगिक विकास की बाट जोह रहे सुल्तानपुर के लिए यह पहल एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।
एडीएम एफआर सुधाकरण ने जानकारी दी कि सुल्तानपुर की राजधानी लखनऊ से दूरी मात्र 136 किलोमीटर है और यह जिला अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और व्यापारिक नगरों के बीच सेंट्रल लोकेशन में आता है। इससे यह क्षेत्र औद्योगिक निवेश के लिए उपयुक्त और आकर्षक बनता है।
2010 में अमेठी हुआ था अलग, तब से अटका था औद्योगिक विकास
गौरतलब है कि वर्ष 2010 में अमेठी को सुल्तानपुर से अलग करके एक नया जिला बना दिया गया था। उस समय अमेठी को कई औद्योगिक परियोजनाएं जैसे इंडो गल्फ, बीएचईएल (BHEL), एचएएल (HAL) जैसी बड़ी कंपनियों का समर्थन मिला, जबकि सुल्तानपुर इन परियोजनाओं से वंचित रह गया।
इसी कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के तहत जिला प्रशासन सुल्तानपुर ने यह महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है, जो आने वाले समय में जिले की औद्योगिक तस्वीर पूरी तरह बदल देगा।
अब तक केवल एक सरकारी चीनी मिल
सुल्तानपुर में अब तक केवल एक ही सरकारी चीनी मिल ही ऐसी इकाई थी, जिसे औद्योगिक गतिविधि के रूप में गिना जाता है। इसके अलावा बड़े स्तर पर कोई भी निजी या सरकारी औद्योगिक निवेश नहीं हो सका था। यह नई परियोजना इस दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।
औद्योगिक गलियारों की अहमियत
भारत सरकार द्वारा विकसित औद्योगिक गलियारे देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास की रीढ़ माने जाते हैं। ये गलियारे सड़क, रेल और हवाई यातायात जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे से जुड़कर उद्योगों को अनुकूल वातावरण देते हैं।
भारत में दिल्ली-मुंबई, अमृतसर-कोलकाता, चेन्नई-बेंगलुरु, विजाग-चेन्नई जैसे प्रमुख औद्योगिक गलियारे पहले से सक्रिय हैं। अब सुल्तानपुर भी इस दिशा में पूर्वांचल के एक नए औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने की राह पर अग्रसर है।
जिला प्रशासन की सराहनीय पहल
डीएम कुमार हर्ष और एडीएम एफआर सुधाकरण के नेतृत्व में जिला प्रशासन की यह दूरदर्शी पहल, न केवल वर्तमान सरकार की रोजगार व आत्मनिर्भर भारत की सोच को साकार करेगी, बल्कि जिले को एक नई पहचान भी देगी।
यह उम्मीद की जा रही है कि बजट स्वीकृति के बाद इस औद्योगिक परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा और सुल्तानपुर का नाम प्रदेश के तेज़ी से उभरते औद्योगिक जिलों की सूची में शामिल हो जाएगा।