Former CM of Kerala: नहीं रहे केरल के पूर्व CM वीएस अच्युतानंदन, 101 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता वी.एस. अच्युतानंदन का सोमवार को तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 101 वर्ष के थे। अच्युतानंदन ने 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं और राज्य की राजनीति में एक लंबा और प्रभावशाली योगदान दिया।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 21 July 2025, 6:19 PM IST
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New Delhi: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता वी.एस. अच्युतानंदन का सोमवार को तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 101 वर्ष के थे। अच्युतानंदन ने 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं और राज्य की राजनीति में एक लंबा और प्रभावशाली योगदान दिया।

राजनीतिक जीवन और उपलब्धियां

सूत्रों के अनुसार  वी.एस. अच्युतानंदन 1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) से अलग होकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के 32 संस्थापकों में से एक थे। वे आज के समय में उन बचे हुए नेताओं में से एक थे जिन्होंने पार्टी के गठन में भूमिका निभाई थी। 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने 2006 में केरल में अपनी पार्टी को सत्ता में वापसी दिलाई और पांच वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य का नेतृत्व किया।

स्वास्थ्य और निजी जीवन

अंतिम कुछ वर्षों से वे सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए हुए थे। उम्र और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वे ज्यादातर तिरुवनंतपुरम में अपने बेटे के घर पर समय बिताते थे। उनके निजी सचिव ए.जी. शशिधरन नायर ने बताया कि वे निडर नेता थे, जो बिना किसी डर के हमेशा जनता के हित के लिए बोलते थे।

एक निडर नेता की छवि

शशिधरन नायर ने एक महत्वपूर्ण घटना का उल्लेख किया, जब 2008 में उनके बेटे वी.ए. अरुण कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। वीएस ने खुद विधानसभा समिति से जांच कराने की घोषणा की, जिससे आरोप झूठे साबित हुए। यह उनकी ईमानदारी और न्यायप्रियता का उदाहरण था।

शशि थरूर ने जताया शोक

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने वी.एस. अच्युतानंदन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने उन्हें एक “महान कम्युनिस्ट नेता” और “जनता के प्रिय जननेता” बताया। थरूर ने कहा कि उनका जीवन सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर जननेता बनने की प्रेरणादायक कहानी है और उनकी निडरता और ईमानदारी सदैव याद रखी जाएगी।

विरासत और राजनीतिक महत्व

वी.एस. अच्युतानंदन ने अपनी पूरी ज़िंदगी समाज के वंचित और शोषित वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष में बिताई। उनकी राजनीतिक यात्रा केरल के लिए एक मिसाल रही है। उनका निधन केरल राजनीति में एक युग के अंत का प्रतीक हैउनकी कमी पूरे समाज और पार्टी के लिए अपूरणीय होगी

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Published : 
  • 21 July 2025, 6:19 PM IST