बड़ी ख़बर: महराजगंज में प्रशासनिक सर्जरी, सदर BDO समेत आधा दर्जन खंड विकास अधिकारियों का हुआ फेरबदल

केंद्र में एक ‘आदेश’ आया — छह खण्ड विकास अधिकारियों की अचानक तैनाती, जिसमें कुछ को अतिरिक्त प्रभार भी मिला। क्या यह सिर्फ प्रशासनिक फेरबदल था या इसके पीछे कोई गुप्त रणनीति? जिलाधिकारी ने इसे रफ्तार बढ़ाने की पहल कहा, पर ये फैसले इतनी रातोंरात क्यों?

Maharajganj: महाराजगंज के मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से एक अटल आदेश आया  छह वरिष्ठ खण्ड विकास अधिकारियों की जगह बदली जाए और कुछ को अतिरिक्त ज़िम्मेदारी भी दी जाए। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के अनुमोदन और सीडीओ अनुराज जैन की मंजूरी मिलने के साथ ही आदेश तुरंत सक्षम हुआ।

list of administrative changes

 प्रशासनिक फेरबदल की लिस्ट

तैनाती का विवरण इस प्रकार है

  1. राजकुमार, पहले घुघली खण्ड के बीडीओ, अब दूसरी खण्ड में तैनात होंगे — पद रक्षा का काम सम्हालेंगे।

  2. संतोष कुमार, पूर्व में बृजमनगंज और मिठौरा में तैनात, उन्हें अब परतावल खण्ड का बीडीओ बनाया गया। साथ ही राहुल सागर को पनियरा खण्ड का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

  3. माधुरी देवी, एनआरएलएम से स्थानांतरित होकर धानी खण्ड की बीडीओ बनीं।

  4. कृष्णकांत शुक्ला, सदर खण्ड के बीडीओ थे, अब बृजमनगंज खण्ड में नए पद पर तैनात।

  5. भोलानाथ कन्नौजिया, पहले सदर खण्ड में कार्यरत, अब जिला विकास अभिकरण में जिम्मेदारी प्राप्त करेंगे।

प्रभारी अधिकारी सभी को निर्देशित कर चुके हैं कि वे तत्काल अपनी नई तैनाती पर पदभार ग्रहण करें और किन्हीं भी देरी या लापरवाही की स्थिति में प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

इस प्रशासनिक फेरबदल का जिक्र प्रशासनिक बैठकों में रफ्तार बढ़ाने, विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह पुनर्विन्यास शासन मॉडल को अधिक जिम्मेदार और उत्तरदायी बनाएगा। दूसरी बातें हों, जैसे कोई आंतरिक शिकायत, क्षेत्रीय दबाव या कुछ संवेदनशील जानकारी सामने आनी चाहिए — फिलहाल ऐसा कुछ सार्वजनिक नहीं हुआ।

लेकिन जिस तरह बहुत तेज़ी से और बिना किसी पूर्व संकेत के यह फैसला लागू हुआ, उससे कई सवाल उठ रहे हैं। क्या अधिकारियों के स्थानांतरण में कोई नई नीति या रिपोर्ट का हाथ है? क्या इन स्थानांतरणों से किसी विशेष खण्ड में काम का व्यापक सुधार आएगा — या फिर कुछ अधिकारी जिनके खिलाफ शिकायतें थीं, उन्हें वहां प्रतिकूल वातावरण से बचाया गया?

स्थानीय सूत्र बताते हैं कि कुछ अधिकारियों की रिपोर्टों पर विचार करने के बाद यह त्वरित बदलाव हुआ है, पर आधिकारिक रूप से इसे केवल “प्रेलिमिनरी सुधार” बताया गया है। दूसरी ओर, जिन नए खण्डों में तैनात लोग जा रहे हैं, वहाँ पहले से विकास कार्य धीमे चल रहे थे और योजनाओं की फाइलें लंबित थीं। अब लगता है कि प्रशासन इन खण्डों की निगरानी तेज करना चाहता है।

इस घोषणा ने जिला प्रशासन की दिशा में एक सशक्त संदेश भेजा है — कि किसी भी स्तर की कमजोरियों या सुस्ती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर सवाल ये है कि क्या ये छह तैनाती केवल शुरुआत हैं? क्या और भी अधिकारी रोटेशन की कसमें भर सकते हैं? और क्या कुछ अलोकप्रिय निर्णयों का पर्दाफाश इस आदेश की आड़ में हो जाएगा?

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन अधिकारियों की नई जिम्मेदारियों के लिए कोई री-शड्यूलिंग हुई है या किसी स्वतंत्र समीक्षा टीम को निगरानी के लिए तैनात किया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अधिकारियों की रिपोर्टों की समीक्षा अधिक स्तरीय की गई और कुछ आलोचनात्मक रिपोर्टों के आधार पर त्वरित कार्रवाई की गई।

इस कड़क फैसले के बाद राज्य प्रशासनिक धरातल पर पहला सर्वव्यापी परीक्षण दिलचस्प रहेगा। चाहे ये बदलाव मात्र प्रारंभिक सुधार की तरकीब हों, या भविष्य में कुछ और गंभीर सुधारों की नींव — अब जनता भी यह देखेगी कि क्या जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी इस तक्रार सच को उजागर करेंगे, या उसे अंदर की दुनिया में ही दफन कर देंगे।

Location : 
  • Maharajganj

Published : 
  • 29 July 2025, 4:17 PM IST