भारत निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर आज़ाद अधिकार सेना का हमला, खागा में प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

भारत निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर उठते सवालों के बीच आज़ाद अधिकार सेना ने शुक्रवार को खागा तहसील में जोरदार प्रदर्शन करते हुए आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें आयोग की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए गए।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 18 July 2025, 5:39 PM IST
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Fatehpur: भारत निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर उठते सवालों के बीच आज़ाद अधिकार सेना ने शुक्रवार को खागा तहसील में जोरदार प्रदर्शन करते हुए आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें आयोग की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए गए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आज़ाद अधिकार सेना के जिलाध्यक्ष रामेंद्र चौधरी ने कहा कि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता अब सवालों के घेरे में है और यह संस्था पिछले कई वर्षों से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी की तरह कार्य कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग विपक्षी दलों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए घातक संकेत है।

ज्ञापन में विस्तार से बताया गया है कि एक जैसे मामलों में जहां सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को माफ कर दिया जाता है, वहीं विपक्षी नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है। इसे दोहरे मापदंड की राजनीति करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा पर चोट है।

ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि वोटर लिस्ट में हेरफेर कर भाजपा समर्थकों के नाम जोड़े जा रहे हैं, जबकि विपक्षी मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। इस संदर्भ में पत्रकार अजित अंजुम के खिलाफ बिहार चुनाव के दौरान एफआईआर दर्ज कराए जाने को उदाहरण के तौर पर रखा गया, जिसे प्रतिशोधात्मक कार्रवाई बताया गया है।

रामेंद्र चौधरी ने आगे कहा, “भारत निर्वाचन आयोग से हमारा आग्रह है कि वह अपनी निष्पक्ष छवि को पुनः बहाल करे और सभी राजनीतिक दलों के प्रति समान दृष्टिकोण अपनाए। आयोग की विश्वसनीयता और लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह बेहद आवश्यक है।”

इस प्रदर्शन में कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें सुरेश कुमार, अब्दुल हमीद, जितेंद्र कुमार, शिव प्रताप सिंह सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल रहे। उन्होंने एक स्वर में कहा कि यदि आयोग ने जल्द ही अपनी भूमिका में बदलाव नहीं किया तो पूरे देश में जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।

फिलहाल आयोग की ओर से इस ज्ञापन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्षी दलों और संगठनों द्वारा उठाए जा रहे इस प्रकार के आरोप अब लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे चुनावी व्यवस्था की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गहरा प्रश्नचिन्ह लग रहा है।
आज़ाद अधिकार सेना के इस कदम से फतेहपुर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और प्रदर्शन होने की संभावना जताई जा रही है।

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