

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक विशाल मौन जुलूस का आयोजन किया। इस जुलूस का उद्देश्य 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुई त्रासदी, दुख, और विस्थापन की दर्दनाक स्मृतियों को याद करते हुए नई पीढ़ी को इसके ऐतिहासिक महत्व और सबक के बारे में जागरूक करना था।
औरैया जिले में एक विशाल मौन जुलूस
Auraiya: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक विशाल मौन जुलूस का आयोजन किया। इस जुलूस का उद्देश्य 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुई त्रासदी, दुख, और विस्थापन की दर्दनाक स्मृतियों को याद करते हुए नई पीढ़ी को इसके ऐतिहासिक महत्व और सबक के बारे में जागरूक करना था।
जुलूस की शुरुआत शहर के ऐतिहासिक शहीद पार्क से हुई और यह सदर तहसील परिसर तक पहुंचा। इस दौरान सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। जुलूस में शामिल लोग मौन रहकर विभाजन के समय हुए दर्दनाक घटनाक्रमों को याद करते हुए एकता और सौहार्द का संदेश देने में जुटे रहे। तहसील परिसर में एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें पुरानी तस्वीरों, दस्तावेजों और स्मृतियों के माध्यम से विभाजन की त्रासदी को दर्शाया गया। इस प्रदर्शनी ने लोगों को उस दौर की भयावहता और मानवीय पीड़ा को समझने का अवसर प्रदान किया।
कार्यक्रम में भाजपा के जिला अध्यक्ष सर्वेश कठेरिया, नगर पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्ता, पूर्व जिला अध्यक्ष भूवन प्रकाश गुप्ता, और प्रदेश मंत्री अवधेश भदोरिया सहित कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे। नेताओं ने इस अवसर पर देशवासियों से विभाजन की त्रासदी से सबक लेने और राष्ट्रीय एकता को और मजबूत करने की अपील की।
जिला अध्यक्ष सर्वेश कठेरिया ने कहा,"विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें उस दुखद इतिहास को याद दिलाता है, जब लाखों लोग विस्थापित हुए, परिवार बिछड़े, और असंख्य लोगों ने अपनी जान गंवाई। हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी को इस त्रासदी के बारे में जागरूक करना है ताकि हम इतिहास से सीख ले सकें और देश में एकता, भाईचारा, और शांति को बढ़ावा दे सकें।"
मौन जुलूस में शामिल स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना की। कई युवाओं ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से उन्हें अपने देश के इतिहास के उस हिस्से को समझने का मौका मिला, जिसके बारे में वे पहले कम जानते थे। एक स्थानीय निवासी, रमेश चंद्र ने कहा, "यह जुलूस और प्रदर्शनी हमें याद दिलाती है कि हमें अपने देश की एकता को कभी कमजोर नहीं होने देना चाहिए।"
1947 का भारत-पाकिस्तान विभाजन इतिहास की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक था, जिसमें लाखों लोग विस्थापित हुए और अनगिनत लोगों ने अपनी जान गंवाई। इस दिन को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया था ताकि उस दौर की पीड़ा को याद किया जाए और भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके। भाजपा द्वारा आयोजित इस मौन जुलूस और जागरूकता कार्यक्रम ने न केवल औरैया के लोगों को जोड़ा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि इतिहास से सीख लेकर हमें एक मजबूत और एकजुट भारत का निर्माण करना है।