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भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच शनिवार देर रात पाकिस्तान में प्रकृति ने फिर से अपना कहर बरपाया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
भूकंप के झटके से थर्राया पाकिस्तान
इस्लामाबाद: शनिवार देर रात पाकिस्तान में प्रकृति ने फिर से अपना कहर बरपाया। भूकंप का यह झटका 4.0 की तीव्रता का था, जो रात 01.44 बजे महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था और इसका स्थान 29.67 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 66.10 डिग्री पूर्वी देशांतर पर दर्ज किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अब तक इस भूकंप के कारण किसी प्रकार की जनहानि या सामग्री क्षति की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। हालांकि, भूकंप की तीव्रता और केंद्र के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। यह भूकंप उस समय आया है जब पाकिस्तान पहले से ही भारत के साथ कई मुद्दों पर तनाव का सामना कर रहा है।
भूकंप से कुछ दिन पहले, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में भी 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जो संकेत देता है कि क्षेत्र में भूगर्भीय गतिविधियाँ सक्रिय हैं। इस बार आए भूकंप ने नागरिकों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है।
इसी दौरान, भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहा संघर्ष भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले ने पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ा दी थी। आतंकियों ने पर्यटकों पर लक्ष्य बना कर धर्म पूछने के बाद नृशंसता दिखाई, जिससे भारत में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई।
6-7 मई की दरमियानी रात, भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत 24 मिसाइलें दागीं, जिसने आतंकियों के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमले की कोशिश की, जिसमें जम्मू और जैसलमेर सहित कई स्थानों पर ड्रोन हमलों का प्रयास किया गया। लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने इन हमलों का करारा जवाब दिया, जिससे तनाव और बढ़ गया।
इस प्रकार की घटनाओं का सिलसिला न केवल दोनों देशों के बीच शांति को खतरे में डाल रहा है, बल्कि भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं ने भी स्थिति को और संजीदगी में डाल दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान समय में कुदरत और मानवता की चुनौतियाँ एक-दूसरे के साथ जुड़ गई हैं, जिसका प्रभाव पड़ सकता है।
विज्ञानियों का कहना है कि पाकिस्तान में इस तरह के भूकंप सामान्य हैं, लेकिन युद्ध की स्थिति में स्थितियों को और भी संवेदनशील बना सकते हैं।
जिस प्रकार घटनाओं का क्रम बढ़ रहा है, उससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच तंगी और संघर्ष का माहौल यथावत रहेगा, जब तक कि कूटनीतिक समाधान नहीं निकलता। वर्तमान में, नागरिकों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
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