

नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की 2025 की भविष्यवाणियां यूरोप में युद्ध की संभावना पर गंभीर संकेत देती हैं। रूस की बढ़ती ताकत और मोदी-पुतिन की मित्रता वैश्विक राजनीति में नया समीकरण बना सकती है।
नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की 2025 की भयावह भविष्यवाणी
New Delhi: दुनिया के दो सबसे चर्चित भविष्यवक्ताओं- नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा- की 2025 की भविष्यवाणियों ने एक बार फिर वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस, इतिहास के दो ऐसे नाम जो भविष्यवाणियों के लिए जाने जाते हैं, जहां एक ओर इनके कथनों की सटीकता इतिहास में दर्ज है, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा बताई गई घटनाएं आने वाले समय के प्रति भयावह चेतावनी भी हैं। खासतौर पर यूरोप में युद्ध की संभावना और रूस की बढ़ती ताकत को लेकर उनकी बातें आज वैश्विक राजनीति में हलचल पैदा कर रही हैं।
बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस दोनों ने समय-समय पर वैश्विक घटनाओं का जिक्र किया है, जो समय के साथ सच साबित होती रही हैं। बाबा वेंगा ने 2025 के बचे अगले तीन महीनों के लिए भविष्यवाणी की है कि यूरोप का एक बड़ा हिस्सा युद्ध की चपेट में आ जाएगा। ये भविष्यवाणी यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव को देखते हुए और भी गंभीर हो जाती है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करने की कई कोशिशें हुईं, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच शांति वार्ता भी शामिल थी। हालांकि, इन सब प्रयासों के बावजूद लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी मित्रता भी वैश्विक नजरों में छाई हुई है। यह दोस्ती 2023 में चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भी नजर आई, जहां दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मुलाकात की। नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों के अनुसार, यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष में रूस न केवल सुरक्षित निकलेगा, बल्कि वह और अधिक शक्तिशाली बनकर उभरेगा।
16वीं सदी के प्रसिद्ध ज्योतिषी नास्त्रेदमस ने अपनी किताब Les Propheties में 2025 के अंतिम तीन महीनों के दौरान घातक और क्रूर युद्धों की भविष्यवाणी की है। उनकी भविष्यवाणियों के अनुसार, यूरोप के कई देश एक-दूसरे के खिलाफ हिंसक संघर्ष में उलझ सकते हैं, जिसमें इंग्लैंड का भी शामिल होना संभव है।
नास्त्रेदमस ने दी चेतावनी
यह भविष्यवाणी बाबा वेंगा के कथनों से मेल खाती है, जो यूरोप में एक बड़े युद्ध की आशंका जताती हैं। अगर ऐसा हुआ, तो यह केवल यूरोप तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरी वैश्विक राजनीति को हिला कर रख देगा। विशेष रूप से इंग्लैंड और अन्य यूरोपीय देशों के युद्ध में शामिल होने से यह संघर्ष और भी जटिल हो सकता है।
यूक्रेन-रूस युद्ध ने पहले ही दुनिया की राजनीति को प्रभावित किया है। पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध और यूक्रेन को दिया गया समर्थन इस संकट को और बढ़ा रहा है। दूसरी ओर, रूस की भारत के साथ बढ़ती दोस्ती और सहयोग वैश्विक संतुलन को बदलने की क्षमता रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मित्रता इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।
बाबा वेंगा ने इतिहास में कई बड़ी घटनाओं की भविष्यवाणी की है, जिनमें 9/11 आतंकवादी हमले, सोवियत संघ का विघटन, चेर्नोबिल nuclear हादसा जैसी घटनाएं शामिल हैं। उनकी भविष्यवाणियों ने बार-बार लोगों का ध्यान खींचा है। खासतौर पर 2025 की ओर बढ़ते हुए उनके कथनों ने फिर से वैश्विक चिंता को जन्म दिया है।
मार्च 2025 में म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप को भी बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों से जोड़ा जा रहा है, जिससे उनकी साख और भी मजबूत हुई है। यह प्राकृतिक आपदाएं उनके कथनों की गहराई को दर्शाती हैं और लोगों को सचेत करती हैं कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण होगा।
नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों की सटीकता का इतिहास में कई उदाहरण मौजूद हैं। नास्त्रेदमस ने फ्रांस के राजा हेनरी द्वितीय की मृत्यु का सटीक वर्णन किया था, जो बाद में सच साबित हुआ। बाबा वेंगा ने सोवियत संघ के विघटन और चेर्नोबिल दुर्घटना का पूर्वाभास भी दिया था।
दोनों भविष्यवक्ताओं ने युद्धों, राजनीतिक हत्याओं और प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी की, जिनकी पुष्टि बाद में हुई। इस वजह से उनकी 2025 की चेतावनियों को नजरअंदाज करना मुश्किल है। ये भविष्यवाणियां वैश्विक राजनीति में उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनाव के संकेत देती हैं।
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बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के मुताबिक आने वाले समय में यूरोप में युद्ध फैलने की संभावना है, जिससे पूरी दुनिया हिल सकती है। रूस की शक्ति में वृद्धि और उसकी मोदी से दोस्ती वैश्विक राजनीतिक समीकरणों को नया आकार दे सकती है। इतिहास की सच्चाई और वर्तमान घटनाएं यह संकेत देती हैं कि 2025 की ये भविष्यवाणियां गंभीरता से ली जानी चाहिए।
हालांकि, यह सब भविष्यवाणियां हैं और आने वाला समय ही इनकी वास्तविकता बताएगा। लेकिन इतिहास के पन्नों पर इन भविष्यवक्ताओं की सटीकता को देखते हुए, दुनिया की नजरें सतर्क और चिंतित बनी हुई हैं। इन सभी भविष्यवाणियों से यह सवाल उठता है कि क्या वाकई दुनिया एक और बड़े युद्ध की ओर बढ़ रही है? क्या मोदी का ये दोस्त- व्लादिमीर पुतिन वाकई वैश्विक राजनीति में भारी पड़ने वाला है? और अगर ऐसा होता है, तो भारत किस ओर खड़ा होगा?