

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक वार्ता के दौरान अपनी 150 साल तक जीने की इच्छा जाहिर की। चीन में इस दिशा में कई शोध चल रहे हैं, जिसमें खास जीन और अंग प्रत्यारोपण से इंसानों की उम्र बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। क्या यह संभव हो पाएगा?
क्या शी जिनपिंग का सपना होगा साकार?
New Delhi: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की लंबी उम्र को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक अनौपचारिक वार्ता में कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि इंसान भविष्य में 150 साल तक जीवित रह सकते हैं। यह बयान तब सामने आया जब पुतिन और जिनपिंग विक्ट्री डे की परेड में शामिल होने के लिए बीजिंग गए थे और दोनों नेताओं के बीच उम्र बढ़ाने से जुड़े शोधों पर चर्चा हो रही थी। हालांकि, जिनपिंग की यह ख्वाहिश केवल एक साधारण बयान नहीं है, बल्कि चीन के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं।
बीजिंग में होने वाली विक्ट्री डे परेड के दौरान शी जिनपिंग और पुतिन के बीच हुई अनौपचारिक बातचीत कैमरे में कैद हो गई। इसमें शी जिनपिंग ने पुतिन से कहा, "आजकल तो 70 साल के लोग भी युवा जैसे दिखते हैं, जबकि पहले 70 साल की उम्र में लोग बूढ़े माने जाते थे।" पुतिन ने जवाब देते हुए कहा कि बायो-टेक्नोलॉजी की मदद से अब अंगों का प्रत्यारोपण किया जा रहा है और भविष्य में शायद अमर होने का रास्ता भी खुले। इसके बाद जिनपिंग ने कहा, "भविष्य में इंसान 150 साल तक जी सकते हैं, यह जल्द ही सच हो सकता है।" यह बातचीत इस तथ्य को उजागर करती है कि चीन ने इंसानों की उम्र बढ़ाने के लिए कई रिसर्च शुरू कर दिए हैं। जिनपिंग का यह बयान अब दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है और सभी की निगाहें उस रिसर्च पर हैं, जो चीन में इस दिशा में हो रही है।
चीन में कई वैज्ञानिक शोध इस दिशा में किए जा रहे हैं, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में इंसान 150 साल तक जी सकते हैं। चीन के एक प्रमुख लैब में "Human Cell Lineage" नामक एक प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसमें इंसान के सेल्स की मैपिंग की जा रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जब इंसान बीमार हो, तो उसके शरीर में पहले से तैयार कोशिकाओं को प्रतिस्थापित किया जा सके, जिससे शरीर स्वस्थ और उम्रदराज न हो। अगर यह रिसर्च सफल होता है, तो इंसान की उम्र बढ़ सकती है।
क्या शी जिनपिंग का सपना होगा साकार?
"Human Cell Lineage" प्रोजेक्ट चीन में चल रहा एक महत्वाकांक्षी और उन्नत वैज्ञानिक शोध है, जिसका उद्देश्य इंसान के जीवन चक्र को समझना और उसे नियंत्रित करने के लिए कोशिकाओं (cells) की संरचना और विकास को मैप करना है। इसका मुख्य उद्देश्य इंसानी शरीर की कोशिकाओं को एक नई दिशा में विकसित करना है, ताकि विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जा सके और इंसान की उम्र बढ़ाई जा सके। यह प्रोजेक्ट कंप्यूटर विज्ञान, जीनोमिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। इसके जरिए AI मॉडल तैयार किए जा रहे हैं, जो शरीर की कोशिकाओं का सही समय पर पुनः निर्माण (replacement) और मरम्मत (repair) कर सकें। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो इसका परिणाम यह हो सकता है कि इंसान को बीमारियों से पहले ही बचाया जा सके और उसका शरीर लंबे समय तक स्वस्थ बना रहे।
चीन के वैज्ञानिकों ने उम्र बढ़ाने के एक खास जीन की पहचान की है। इस जीन का नाम OSER1 है, जो इंसान के जीवनचक्र को नियंत्रित करता है। इसे पहले सिल्क वॉर्म्स और मक्खियों पर परीक्षण किया गया और देखा गया कि उनकी उम्र बढ़ गई। अब यही प्रयोग इंसान पर करने की कोशिश की जा रही है। यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, क्योंकि यह जीन इंसान के शरीर में उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकता है।
जिनपिंग और पुतिन की बातचीत में अंग प्रत्यारोपण का भी जिक्र हुआ था। हालांकि, अंग प्रत्यारोपण से जीवनकाल बढ़ाने की संभावना बहुत सीमित है, क्योंकि प्रत्यारोपण के बाद शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके बावजूद वैज्ञानिक अभी भी इस दिशा में काम कर रहे हैं। अब वे अंग प्रत्यारोपण के लिए जेनेटिकली मॉडीफाइड सूअर का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि शरीर में प्रत्यारोपित अंग को अस्वीकार न किया जाए। 'क्रिस्पर' नामक जीन एडिटिंग तकनीक का उपयोग करके सूअर के कुछ जीनों को हटा कर इंसानी जीन जोड़ा जा रहा है, ताकि अंग इंसान के शरीर के अनुकूल हो सके।
क्या शी जिनपिंग का सपना होगा साकार?
जहां तक 150 साल तक जीने की बात है तो फिलहाल यह एक विज्ञान कथा जैसी लग सकती है, लेकिन चीन की लैब्स में हो रहे प्रयोगों और जीन एडिटिंग के संभावित प्रभावों को देखकर कहा जा सकता है कि यह भविष्य में संभव हो सकता है। हालांकि, अभी यह पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है, और रिसर्च अभी शुरुआती चरण में है। इसके बावजूद चीन की कोशिशों को देखते हुए, शायद कुछ दशकों बाद इंसानों की उम्र बढ़ने के बारे में हम एक नई वास्तविकता देख सकते हैं।