कहां से आती थीं शराब, अफीम, कपड़े और मेवे, जानें मुगल शासकों के रईसी के किस्सें

मुगल साम्राज्य को अक्सर उनकी रईसी, विलासिता और भव्य जीवनशैली के लिए याद किया जाता है। बाबर से लेकर शाहजहां तक हर शासक ने अपने शौकों को पूरा करने के लिए विदेशों से कीमती वस्तुएं मंगवाईं। इनमें शराब, अफीम, घोड़े, कपड़े, बर्तन, मेवे और हथियार शामिल थे। यह लेख बताएगा कि मुगलों के समय भारत का विदेशी व्यापार कितना विस्तृत था और उनके ऐश्वर्य की पूर्ति किन-किन देशों से होती थी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 31 July 2025, 1:53 PM IST
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New Delhi: भारत में मुगल शासन 1526 में बाबर के आगमन के साथ शुरू हुआ। बाबर से लेकर औरंगजेब तक के शासकों ने न केवल अपने साम्राज्य को विस्तार दिया, बल्कि अपने विलासितापूर्ण जीवन के लिए भी प्रसिद्ध हुए। ये शासक सिर्फ युद्ध जीतने में ही नहीं बल्कि विदेशी वस्तुओं के आयात में भी माहिर थे। बाबर, जहांगीर और शाहजहां जैसे शासक अपने समय के सबसे बड़े नशेबाज माने जाते थे। जहांगीर की आत्मकथा 'तुजुक-ए-जहांगीरी' में भी शराब और अफीम के प्रति उसकी लत का खुला जिक्र मिलता है।

व्यापार का स्वर्ण युग

मुगल साम्राज्य का व्यापारिक विस्तार विशेष रूप से अकबर के शासनकाल (1556–1605) से शुरू हुआ। इस दौर में मुगलों ने न केवल भारतीय उपमहाद्वीप को एकजुट किया बल्कि विदेशों से भी व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत किए। भारत का सामान यूरोप, अरब, फारस और चीन तक निर्यात होता था। वहीं, कई विलासिता की चीजें विदेशों से मंगाई जाती थीं।

ईरान और मिडिल ईस्ट से आती थी शराब और अफीम

बाबर और जहांगीर जैसे शासक शराब और अफीम के लिए प्रसिद्ध थे। वे ईरान (फारस) और मध्य एशिया से बढ़िया शराब और अफीम मंगवाते थे। यह नशे की वस्तुएं उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी थीं। जहांगीर तो अपनी आत्मकथा में खुद लिखता है कि वह दिन में दो बार शराब पीता था और अफीम लेता था।

कपड़े कहां से आते थे?

मुगल शासकों को कीमती कपड़ों का भी शौक था। चीन से रेशम, यूरोप से ब्रोकेड और मखमल जैसे महंगे वस्त्र मंगवाए जाते थे। इन वस्त्रों का इस्तेमाल शाही पोशाक, महल की सजावट और दरबार की भव्यता के लिए होता था। चीन से चाय और अन्य चायपान सामग्री का भी आयात किया जाता था।

फल और मेवे के लिए ईरान और अफगानिस्तान पहली पसंद

मुगलों को मेवों का बड़ा शौक था। किशमिश, बादाम, पिस्ता और अन्य सूखे मेवे ईरान और अफगानिस्तान से मंगवाए जाते थे। फलों में खासतौर पर अनार, सेब और आड़ू पसंद किए जाते थे। जिन्हें अफगानिस्तान और काबुल की पहाड़ियों से मंगाया जाता था।

बहरीन और मस्कट से घोड़े

मुगल सेना के लिए घोड़े बेहद अहम थे। ये घोड़े मुख्यतः काबुल, बहरीन, मस्कट और अदन से मंगवाए जाते थे। सेना के लिए आधुनिक हथियारों का आयात यूरोप के देशों से होता था। मुगलों की सैन्य ताकत को मजबूत बनाए रखने में इन विदेशी स्रोतों का अहम योगदान था।

कहां से आता था सजावटी सामान?

मुगल शासकों के महल सिर्फ बाहर से नहीं, अंदर से भी बेहद भव्य और सुसज्जित होते थे। इसके लिए वे चीन और दक्षिण एशिया से चीनी मिट्टी के बर्तन, लौंग, कपूर, मोम और चंदन की लकड़ी मंगवाते थे। इससे उनके महलों की सजावट और खुशबू में चार चांद लगते थे।

हिन्दुस्तान से होता था इन चीजों का निर्यात

• मसाले (काली मिर्च, हल्दी, इलायची)
• सुगंधियां और इतर
• हाथी दांत से बने शिल्प
• कीमती रत्न और मणियां
• नील और सूती कपड़े
• जरी और रेशमी वस्त्र
• सोना और चांदी की वस्तुएं

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 31 July 2025, 1:53 PM IST