क्या है अल्जाइमर की बीमारी: अनीत पड्डा की अदाकारी से बढ़ी सामाजिक जागरूकता, फिल्म ‘Saiyaara’ में निभाया रोल

18 जुलाई को रिलीज हुई फिल्म ‘Saiyaara’ ने न सिर्फ सिनेप्रेमियों को भावुक किया, बल्कि एक गंभीर मानसिक बीमारी अल्जाइमर की ओर भी लोगों का ध्यान खींचा। अभिनेत्री अनीत पड्डा ने इस फिल्म में अल्जाइमर से पीड़ित महिला का जो किरदार निभाया है, वह हर किसी के दिल को छू गया। उनका अभिनय सिर्फ एक रोल नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता की जरूरत को दर्शाने वाला एक मजबूत संदेश भी है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर अल्जाइमर बीमारी क्या है, इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय क्या हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 21 July 2025, 11:46 AM IST
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New Delhi: 'Saiyaara' में अभिनेत्री अनीत पड्डा का किरदार बेहद संवेदनशील और यथार्थ के करीब है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक महिला की याददाश्त धीरे-धीरे उसका साथ छोड़ देती है, जिससे वह अपनी ही पहचान, रिश्ते और ज़िंदगी की बुनियादी बातें भूलने लगती है। इस कहानी ने दर्शकों को न सिर्फ भावुक किया, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर कर दिया कि असल जीवन में इस बीमारी से जूझना कितना कठिन होता है।

फिल्म का दृश्य

क्या है अल्जाइमर की बीमारी?

अल्जाइमर एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली न्यूरोलॉजिकल (स्नायु तंत्र से जुड़ी) बीमारी है, जो याददाश्त, सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है। यह डिमेंशिया (Dementia) का सबसे सामान्य प्रकार है और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिकतर पाया जाता है। इस रोग में मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे मरने लगती हैं, जिससे व्यक्ति सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाता है।

अल्जाइमर के मुख्य लक्षण

1. याददाश्त का कमजोर होना: रोजमर्रा की बातें भूल जाना, नाम और चेहरों को न पहचान पाना।
2. निर्णय लेने में कठिनाई: आसान काम भी समझना मुश्किल हो जाता है।
3. बोलचाल में रुकावट: शब्दों को भूल जाना या गलत शब्दों का प्रयोग करना।
4. व्यवहार में बदलाव: गुस्सा, भय, अविश्वास और अकेलापन पसंद करना।
5. शारीरिक असंतुलन: चलते समय संतुलन न बना पाना या गिर जाना।

प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)

अल्जाइमर के पीछे क्या है कारण?

इस बीमारी का मुख्य कारण दिमागी कोशिकाओं में दो प्रोटीन अमायलॉइड और टाउ का असामान्य जमाव है।
• अमायलॉइड प्रोटीन मस्तिष्क में प्लाक बनाकर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
• टाउ प्रोटीन कोशिकाओं में उलझन पैदा करता है, जिससे संदेशों का आदान-प्रदान रुक जाता है।
• इन दोनों की उपस्थिति से मस्तिष्क धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है।

किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा?

• 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग
• ब्लैक या लैटिनो समुदाय के लोग
• सिर की गंभीर चोट झेल चुके व्यक्ति
• हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज के मरीज
• धूम्रपान करने वाले और हृदय रोगी
• डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त लोग

अल्जाइमर से बचाव के उपाय

हालांकि अल्जाइमर का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियों से इसके खतरे को कम किया जा सकता है:
• नियमित मानसिक व्यायाम (जैसे पजल सॉल्व करना)
• हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद
• शारीरिक व्यायाम
• तनाव से दूरी
• सोशल एक्टिविटी और परिवार के साथ समय बिताना

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  • New Delhi

Published : 
  • 21 July 2025, 11:46 AM IST