

उत्तर भारत में मानसून ने जोर पकड़ लिया है। दिल्ली सहित कई राज्यों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तर प्रदेश और बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है।
उत्तर भारत में झमाझम बारिश (Img: Google)
New Delhi: उत्तर भारत में मानसून इस बार पूरी ताकत से सक्रिय है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही, जिससे सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
दिल्ली में अगस्त का सबसे ठंडा दिन दर्ज
दिल्ली में लगातार हो रही बारिश से तापमान में भी भारी गिरावट आई है। शनिवार को अधिकतम तापमान केवल 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.8 डिग्री कम है। यह अगस्त महीने में पिछले 14 वर्षों में सबसे कम अधिकतम तापमान है।
नदियों का बढ़ता जलस्तर बना चिंता का कारण
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते गंगा, यमुना और सरयू नदियों में उफान आ गया है। फतेहपुर में कजरी विसर्जन के दौरान पांच लोग डूब गए, जिनमें से एक का शव बरामद हुआ है जबकि बाकी चार की तलाश जारी है। चंदौली जिले में बारिश के कारण एक कच्चा मकान ढह गया, जिससे एक पिता और उसके बेटे की मौत हो गई।
इन जगहों पर गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर
शाहजहांपुर में गंगा नदी 35 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है जबकि हापुड़ में जलस्तर 199.44 सेमी तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 24 सेमी ज्यादा है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 12 वर्षों में ऐसा जलभराव नहीं देखा गया। उन्नाव और कन्नौज में भी गंगा खतरे के करीब बह रही है।
बिहार में भी गंगा और बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ा
बिहार के खगड़िया जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से 2.04 मीटर ऊपर बह रही है जबकि बूढ़ी गंडक नदी भी खतरे के स्तर को पार कर चुकी है। खगड़िया की 17 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं। समस्तीपुर, मधुबनी और पटना जैसे जिलों में बाढ़ का पानी कई निचले इलाकों में फैल गया है। हालांकि, पटना में गंगा और सोन नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आ रही है।