रूस का झींगा बाजार: दिमित्री पात्रुशेव का भारत दौरा, कृषि क्षेत्र को मिलेगी नई दिशा

रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पात्रुशेव भारत का दौरा करने वाले हैं, जहां उनका मुख्य उद्देश्य झींगे के आयात और उर्वरक आपूर्ति को बढ़ाना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से भारतीय झींगा निर्यातकों को भारी नुकसान हो रहा है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 13 September 2025, 12:34 PM IST
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New Delhi: इस महीने रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पात्रुशेव भारत का दौरा करेंगे, और उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत से झींगे के आयात को बढ़ाना और उर्वरक आपूर्ति के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना है। रूस कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं, और इस यात्रा के दौरान उनकी प्राथमिक बातचीत कृषि और मछली पालन क्षेत्रों पर केंद्रित होगी। यह दौरा विशेष रूप से भारतीय झींगा निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वे अमेरिकी टैरिफ के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

अमेरिका के टैरिफ का असर

अमेरिका ने भारत के झींगा निर्यात पर 50% का टैरिफ लगाया है, जिसके कारण भारतीय निर्यातकों को भारी नुकसान हो रहा है। अमेरिका अब भारतीय उत्पादकों के लिए एक कठिन बाजार बन चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस टैरिफ को लागू करने के बाद भारतीय झींगे की व्यापारिक स्थिति को हिला दिया है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय निर्यातकों को अन्य देशों जैसे इक्वाडोर, इंडोनेशिया, वियतनाम और चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इस संकट के बीच, रूस भारतीय झींगा निर्यातकों के लिए एक आकर्षक बाजार बन सकता है। रूस में खाद्य आपूर्ति की स्थिति के हिसाब से, झींगा आयात की मांग में वृद्धि देखी जा सकती है।

दिमित्री पात्रुशेव का भारत दौरा

भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंध

रूस और भारत के बीच व्यापार संबंध पहले ही मजबूत हैं, और अब रूस ने अपनी कृषि और खाद्य सुरक्षा नीति में भारत को महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखा है। पात्रुशेव की भारत यात्रा में भारतीय कृषि मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों से मुलाकातें संभव हैं। इन मुलाकातों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाना है, विशेषकर खाद्य आपूर्ति, उर्वरक और झींगे के व्यापार में।

अमेरिका के टैरिफ से भारत को बढ़ती समस्याएं

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण भारतीय झींगा निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में पहले के मुकाबले काफी मुश्किलें आ रही हैं। अमेरिका की ओर से अतिरिक्त शुल्क के कारण भारतीय निर्यातकों को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। इस कदम से भारत का निर्यात घाटा बढ़ गया है, और अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा भी तेज हो गई है। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर दबाव बनाते हुए यह भी कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदकर पुतिन के युद्ध को समर्थन दे रहा है, हालांकि भारत ने इस आरोप को नकारा है।

रूस से रिश्तों को नया मोड़

रूस से झींगा आयात बढ़ाने का निर्णय भारतीय निर्यातकों के लिए राहत का एक नया रास्ता हो सकता है। रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पात्रुशेव की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं। यह यात्रा भारत को एक नए बाजार में प्रवेश करने का अवसर प्रदान कर सकती है, जिससे भारतीय झींगा उद्योग को अमेरिकी टैरिफ के असर से बचने का मौका मिलेगा। रूस और भारत के बीच इस नई व्यापारिक संभावना के तहत भारतीय झींगा निर्यातकों को एक नया आशा का स्रोत मिल सकता है।

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