राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ बयान: सियासत में भूचाल, जानिए क्या है इस बम की असली ताकत?

राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोपों के बाद अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस को ‘हाइड्रोजन बम’ करार दिया है। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और लोगों की जिज्ञासा बढ़ा दी है कि आखिर ‘हाइड्रोजन बम’ है क्या? हम बताते हैं कि यह बम कितना विनाशकारी होता है और कितने देशों के पास इसकी ताकत है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 18 September 2025, 10:56 AM IST
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New Delhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में दिए गए अपने बयानों से सियासी हलचल मचा दी है। वोट चोरी को लेकर पहले की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को उन्होंने “परमाणु बम” बताया था, जबकि अब उनकी अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस को “हाइड्रोजन बम” कहा जा रहा है। राजनीति में बमों का यह नया चलन चाहे बयानबाज़ी का तरीका हो या गंभीर इशारा इसने मीडिया और जनता दोनों का ध्यान खींचा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हाइड्रोजन बम होता क्या है और ये राजनीति में बमबारी का नया दौर क्या संकेत देता है?

हाइड्रोजन बम क्या है?

हाइड्रोजन बम जिसे थर्मोन्यूक्लियर बम भी कहते हैं, एक अत्यंत शक्तिशाली परमाणु हथियार है। यह सामान्य परमाणु बम से कई गुना ज्यादा विनाशकारी होता है। इसका विस्फोट लाखों लोगों की जान ले सकता है और पूरे शहर को मिनटों में मिटा सकता है। इस बम में ड्यूटेरियम और ट्रिटियम नामक हाइड्रोजन आइसोटोप्स के फ्यूजन (संलयन) से जबरदस्त ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह वही प्रक्रिया है जो सूर्य में होती है। हाइड्रोजन बम का पहला चरण एक छोटा परमाणु विस्फोट होता है, जो इतनी गर्मी उत्पन्न करता है कि फ्यूजन प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे भयानक विस्फोट होता है।

जानें क्या है हाइड्रोजन बम

कितना शक्तिशाली होता है हाइड्रोजन बम?

हाइड्रोजन बम की शक्ति टन या मेगाटन TNT के रूप में मापी जाती है।
• 1 मेगाटन का हाइड्रोजन बम = 10 लाख टन TNT के बराबर
• यह हिरोशिमा पर गिराए गए बम (15 किलोटन) से सैकड़ों गुना ज्यादा शक्तिशाली हो सकता है।

उदाहरण के तौर पर, रूस ने 1961 में जो ‘त्सार बोम्बा’ टेस्ट किया था, वह 50 मेगाटन का था। उसका प्रभाव 100 किमी दूर तक महसूस किया गया और वह अब तक का सबसे शक्तिशाली मानव निर्मित विस्फोट था।

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किन देशों के पास है यह विनाशकारी शक्ति?

1. अमेरिका (USA)- पहला टेस्ट: 1952
2. रूस (USSR)- पहला टेस्ट: 1953
3. यूनाइटेड किंगडम (UK)- 1957
4. फ्रांस- 1968
5. चीन- 1967
6. उत्तर कोरिया- 2017 में दावा किया, पुष्टि विवादित
7. भारत- 1998 में थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस का टेस्ट, पर पूर्ण हाइड्रोजन बम होने पर विशेषज्ञों में मतभेद
8. इज़रायल, पाकिस्तान- कुछ संकेत, लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं
इनमें से केवल अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और UK के पास ही पुष्टि की गई बड़ी संख्या में हाइड्रोजन बम हैं।

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कितना खतरनाक है यह बम?

• विस्फोट क्षेत्र: 10-15 किमी तक सब कुछ नष्ट
• गर्मी: 1000°C तक की गर्मी, कपड़े और लकड़ी तुरंत जलते हैं
• रेडिएशन: कैंसर, लिवर/किडनी की बीमारियां
• शॉकवेव: इमारतें गिर जाती हैं, लोग उड़ जाते हैं
• पर्यावरण: भूमि, जल, पेड़-पौधे सब प्रदूषित

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