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                        उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है, और जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा भी की जाएगी। वहीं, विपक्ष साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुट गया है, जबकि भाजपा अपने संभावित उम्मीदवार को लेकर मंथन शुरू करने वाली है।
                                            उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी तेज
New Delhi: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। निर्वाचन आयोग ने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। इसके साथ ही गरिमा जैन (संयुक्त सचिव, राज्यसभा) और विजय कुमार (निदेशक) को सहायक निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है।
ईसी करेगा औपचारिक घोषणा
आयोग ने यह नियुक्तियां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम 1974 के तहत की हैं। जल्द ही निर्वाचन आयोग चुनाव कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा करेगा। यह नियुक्तियां कानून और न्याय मंत्रालय से परामर्श और राज्यसभा उपसभापति की सहमति के बाद हुई हैं। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी में विपक्ष
सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी INDIA गठबंधन उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा है। विपक्ष का मानना है कि इससे एक राजनीतिक संदेश जाएगा और जनता के बीच एक वैकल्पिक राजनीतिक विकल्प को मजबूती मिलेगी। विपक्ष यह भी प्रचारित कर रहा है कि धनखड़ ने सरकार के रवैये से असंतुष्ट होकर इस्तीफा दिया है। हालांकि इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पिछले चुनाव में विपक्ष की ओर से मार्गरेट अल्वा को संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया था, जिन्हें जीत नहीं मिली थी। इस बार विपक्ष एक ऐसा नाम सामने लाने की कोशिश में है जो विभिन्न दलों को एक मंच पर ला सके।
भाजपा को चुनाव में स्पष्ट बढ़त
वर्तमान में संसद के दोनों सदनों में कुल 782 सदस्य हैं। चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को 392 मतों की आवश्यकता होगी। लोकसभा में भाजपा गठबंधन के पास 293 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में 130 सदस्य एनडीए के पास हैं। दूसरी ओर, INDIA गठबंधन के पास राज्यसभा में 79 सदस्य हैं। ऐसे में भाजपा गठबंधन को मतों के लिहाज से साफ बढ़त हासिल है। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार होता है।
चर्चाओं में हरिवंश
सूत्रों का कहना है कि भाजपा जल्द ही अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर मंथन शुरू करेगी। इस बार पार्टी कोई प्रयोगधर्मी विकल्प नहीं बल्कि अनुभवी और संगठनात्मक रूप से मजबूत नेता को चुनने पर विचार कर रही है। चर्चा यह भी है कि जेडीयू सांसद हरिवंश का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। उन्होंने राज्यसभा के उपसभापति के रूप में सात वर्षों तक भूमिका निभाई है और सरकार का भरोसा हासिल किया है। उनके अनुभव और संतुलित छवि को देखते हुए उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार माना जा रहा है।