

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। यह उनका लगातार 12वां संबोधन था, जो इस बार अपने आप में ऐतिहासिक बन गया।
पीएम ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड
New Delhi: पीएम मोदी अपने भाषणों के लिए जाने जाते हैं और स्वतंत्रता दिवस के मौकों पर उनके संबोधन हमेशा विशेष रहे हैं। साल 2014 में जब उन्होंने पहली बार लाल किले से भाषण दिया था, तब वह 65 मिनट लंबा था। इसके बाद 2015 में यह बढ़कर 86 मिनट हो गया और उसी साल उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 1947 में 72 मिनट का भाषण दिया था। वर्ष 2016 में उन्होंने 94 मिनट तक देश को संबोधित किया।
2017 में यह भाषण मात्र 56 मिनट का रहा, जो अब तक उनका सबसे छोटा स्वतंत्रता दिवस संबोधन है। इसके बाद 2018 में 82 मिनट, 2019 में 92 मिनट, 2020 में 86 मिनट, 2021 में 88 मिनट, 2022 में 83 मिनट और 2023 में 90 मिनट का भाषण हुआ। 2024 में यह बढ़कर 98 मिनट हुआ और अब 2025 में उन्होंने 103 मिनट का रिकॉर्ड तोड़ भाषण दिया।
भाषण के साथ तिरंगा फहराने का सिलसिला
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से तिरंगा फहराने और देश को संबोधित करने की परंपरा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से शुरू हुई थी। उन्होंने 1947 से 1964 तक लगातार 17 बार झंडा फहराया, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। उनके बाद इंदिरा गांधी ने 16 बार यह सम्मान प्राप्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, दोनों ने अब तक 12-12 बार लाल किले से झंडा फहराया है। पीएम मोदी अगले वर्षों में इस संख्या को पार कर सकते हैं, जिससे वे इस मामले में भी रिकॉर्ड बना सकते हैं।
जिन प्रधानमंत्रियों को नहीं मिला लाल किले से झंडा फहराने का मौका
इतिहास में दो ऐसे प्रधानमंत्री भी रहे हैं, जिन्हें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से झंडा फहराने का अवसर नहीं मिला। ये थे गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर। नंदा दो बार केवल 13-13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे और उनका कार्यकाल स्वतंत्रता दिवस से पहले ही समाप्त हो गया। वहीं, चंद्रशेखर का कार्यकाल भी 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक रहा, जो 15 अगस्त तक नहीं पहुंचा, इसीलिए उन्हें भी यह अवसर नहीं मिला।
अन्य प्रधानमंत्रियों का प्रदर्शन
देश के तीसरे प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में 6 बार लाल किले से झंडा फहराया। राजीव गांधी और पी. वी. नरसिम्हा राव ने 5-5 बार, मोरारजी देसाई ने 2 बार और चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल ने 1-1 बार स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का अवसर प्राप्त किया।