

सहारा समूह की कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उनकी विभिन्न संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी गई है। यह याचिका 6 सितंबर 2025 की टर्म शीट के तहत संपत्तियों की बिक्री के लिए है।
सुप्रीम कोर्ट
New Delhi: सहारा समूह, जो लंबे समय से वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, अब अपनी संपत्तियों की विक्री के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहा है। समूह ने अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को अपनी प्रमुख संपत्तियां बेचने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है। यह याचिका सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल) द्वारा दायर की गई है, जिसमें एंबी वैली (महाराष्ट्र) और शहारा शहर (लखनऊ) जैसी प्रमुख संपत्तियों को बेचे जाने का प्रस्ताव है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, ये संपत्तियां अदाणी प्रॉपर्टीज को बेची जाएंगी। इस याचिका पर 14 अक्टूबर को सुनवाई हो सकती है।
सहारा समूह ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि समूह की अचल और चल संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज को बेचने की अनुमति दी जाए, जैसा कि 6 सितंबर 2025 की टर्म शीट में तय किया गया था। समूह ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के दौरान भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के आदेशों का पालन करते हुए संपत्तियों को बेचा गया और प्राप्त धन को SEBI-Sahara Refund Account में जमा किया गया।
सुप्रीम कोर्ट
सहारा समूह का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में कई संपत्तियों की बिक्री की गई है, लेकिन समय की कमी और मुकदमों की अधिकता के कारण इन प्रयासों को सफलता नहीं मिल पाई। साथ ही, सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय की नवंबर 2023 में मृत्यु हो जाने से समूह का निर्णय लेने वाला अधिकारी नहीं बचा है। याचिका में यह भी बताया गया है कि सुब्रत रॉय के परिवार के सदस्य अब कंपनी के प्रबंधन में शामिल नहीं हैं।
गौरतलब है कि सुब्रत रॉय का परिवार अब सहारा समूह के दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं है। इसके बावजूद, परिवार ने इस निर्णय को निवेशकों के हित में लिया है, ताकि कंपनी की परिसंपत्तियों को ज्यादा से ज्यादा कीमत पर और जल्द से जल्द बेचा जा सके।
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याचिका में दावा किया गया है कि अदाणी प्रॉपर्टीज के साथ सहारा समूह के संपत्ति बेचने की प्रक्रिया में कई जटिलताएं आईं। इसके कारण समूह को व्यावसायिक प्रस्तावों और बाजार स्थितियों के कारण कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। इसके साथ ही, सुब्रत रॉय के परिवार के खिलाफ चल रही जांच और उनके कर्मचारियों के साथ पूछताछ ने इस प्रक्रिया को और भी जटिल बना दिया है।
सहारा समूह और अदाणी प्रॉपर्टीज के बीच संपत्ति बेचने के प्रस्ताव को लेकर बाजार में अटकलें लगाई जा रही हैं। अदाणी ग्रुप ने पहले ही कई क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की है, और अब अगर यह सौदा होता है तो इससे अदाणी प्रॉपर्टीज को सहारा समूह की संपत्तियों का स्वामित्व मिल जाएगा।
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सहारा समूह के प्रमुख, सुब्रत रॉय की नवंबर 2023 में मृत्यु के बाद, समूह के सामने एक नया संकट उत्पन्न हुआ है। उनकी मृत्यु के बाद, समूह में कोई औपचारिक निर्णय लेने वाली संस्था नहीं थी, जिससे कंपनी के प्रबंधकीय निर्णयों में गड़बड़ी आई। याचिका में दावा किया गया है कि सुब्रत रॉय के परिवार के सदस्य अब समूह के दैनिक संचालन में शामिल नहीं हैं, और इस कारण संपत्ति बेचने की प्रक्रिया और भी जटिल हो गई है।