

जम्मू‑कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा व बादल फटने से भूस्खलन और बाढ़ की समस्या आ गई। इसके कारण वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई है। जम्मू इलाके में 11 से अधिक लोगों की जान गई है। रेल, सड़क व दूरसंचार तबाह हो गए हैं।
उत्तरी हिमालय में कुदरत का कहर
New Delhi: अगस्त 2025 के आखिरी सप्ताह में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और अचानक बादल फटने की घटनाओं ने दोनों पर्वतीय राज्यों को प्रभावित करते हुए व्यापक तबाही मचा दी है। तेज बाढ़, भूस्खलन, टूटते पुल, धराशायी घरों और आवागमन बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। क्षेत्र में आए इस प्राकृतिक आपदा का प्रभाव व्यापक रूप से देखा जा रहा है।
डिंडोरी और डोडा में हुई भारी बारिश व बादल फटने से 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें सात तीर्थयात्री शामिल हैं जो वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आए। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा रद्द करने की सलाह दी है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
राज्यभर में बाढ़ और भूस्खलन ने पुलों, दूरसंचार नेटवर्क और विद्युत स्तंभों को तहस-नहस कर दिया। दूरसंचार सेवाएँ अधिकांश क्षेत्रों में बंद हो गई हैं, जिससे संचार व्यवस्था ठप हो गई है। रेलवे विभाग ने जम्मू, कटरा, पठानकोट से दिल्ली और आसपास के लिए कई ट्रेनें रद्द कर दी हैं। 18 ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से ठप है, जबकि कुछ ट्रेने मध्य में ही रोकी गई है। बीड़े में आई खड़ी पानी की तेज़ धारा, बिछड़े यात्री और फंसी गाड़ियां, दृश्य इतना विचलित करने वाला था कि प्रशासन ने लगभग 3,500 लोगों का सुरक्षित निकाला शुरू किया।
दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश में मानसून की मार ने भीषण रूप ले लिया। लाहौल-स्पीति में नौ, कुल्लू में दो, कांगड़ा व चंबा में भूस्खलन और अचानक बाढ़ की घटनाएं सामने आईं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। मंडी, शिमला, कांगड़ा, सिरमौर जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी (ऑरेंज- और रेड अलर्ट) जारी किए गए हैं।
मनाली में ब्यास नदी ने कंटेनमेंट खो दिया और मनाली-लेह हाईवे का लगभग 200 मीटर हिस्सा बह गया, जिससे पर्यटक फंस गए और संपर्क टूटा गया है। कुल्लू में भी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई, कई इमारतें भूमिगत आने से प्रभावित हुईं, लेकिन कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, हिमाचल में 680 से ज्यादा सड़कें बंद हैं, 1,413 ट्रांसफॉर्मर और 420 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की आशंका बनी हुई है। केंद्रीय जल आपदा नियंत्रण कक्ष ने यमुना के जलस्तर के बढ़ने की चेतावनी जारी की है, और ओल्ड रेल ब्रिज (ORB) की ऊंचाई 205.36 मीटर तक पहुंचने की भी संभावना जताई है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है।
उत्तराखंड में यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण बड़कोट क्षेत्र और यमुनोत्री की ओर जाने वाला पुल भी पानी की चपेट में आ गया है। गढ़वाल और कुमाऊं हिस्सों में आगामी दिनों में भारी बारिश, लैंडस्लाइड और जलभराव की आशंका बनी हुई है।