

अभिनेता मुकुल देव का शुक्रवार देर रात नई दिल्ली में निधन हो गया। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िये मुकुल देव के फिल्मी सफर के बारे में
मुकुल देव
नई दिल्ली: बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता मुकुल देव का शुक्रवार देर रात नई दिल्ली में निधन हो गया। उनके बड़े भाई और अभिनेता राहुल देव ने सोशल मीडिया के जरिए इस दुखद खबर को साझा किया। बता दें कि मुकुल की एक बेटी सिया देव हैं। जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ समय से मुकुल की तबीयत खराब थी और हाल ही में उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था। हालांकि, उनके निधन की वजह परिवार या अस्पताल की ओर से स्पष्ट नहीं की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मुकुल देव ने अपने करियर की शुरुआत 1996 में टेलीविजन धारावाहिक 'मुमकिन' से की थी, जिसमें उन्होंने विजय पांडे का किरदार निभाया था। दिल्ली में 17 सितंबर 1970 को एक पंजाबी परिवार में जन्मे मुकुल ने अपने अभिनय से न केवल हिंदी सिनेमा और टीवी में, बल्कि पंजाबी, बंगाली, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु सिनेमा में भी अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 60 से अधिक फिल्मों में काम किया और अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई।
दस्तक फिल्म से शुरू किया फिल्मी करियर
मुकुल देव का बॉलीवुड डेब्यू 1996 में फिल्म 'दस्तक' से हुआ, जिसमें उन्होंने सुष्मिता सेन के साथ एसीपी रोहित मल्होत्रा की भूमिका निभाई। इस फिल्म ने उन्हें शुरुआती पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने 'किला', 'वजूद', 'कोहराम' और 'मुझे मेरी बीवी से बचाओ' जैसी फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया। लेकिन 2011 में आई फिल्म 'यमला पगला दीवाना' में उनकी भूमिका ने उन्हें विशेष लोकप्रियता दिलाई। इस फिल्म में उनके किरदार को दर्शकों ने खूब सराहा। इसके अलावा, 'सन ऑफ सरदार' में टोनी सिंह संधू और 'R… राजकुमार' व 'जय हो' जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा। उनकी उत्कृष्ट अभिनय के लिए उन्हें 7वें अमरीश पुरी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
टेलीविजन पर भी दिखाया कमाल
टेलीविजन पर भी मुकुल ने अपनी छाप छोड़ी। 'मुमकिन' के बाद वे दूरदर्शन के कॉमेडी बॉलीवुड काउंटडाउन शो 'एक से बढ़कर एक' में नजर आए। इसके अलावा, वे 'फियर फैक्टर इंडिया' के पहले सीजन के होस्ट भी रहे। 'कहानी घर घर की' और 'कभी कभी प्यार कभी कभी यार' जैसे धारावाहिकों में भी उनकी मौजूदगी ने दर्शकों का मनोरंजन किया।
मुकुल ने न केवल हिंदी और पंजाबी सिनेमा में, बल्कि क्षेत्रीय सिनेमा में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें संगीत एल्बमों में भी लोकप्रिय बनाया। उनके निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। प्रशंसक और सहकर्मी सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। मुकुल देव का जाना निश्चित रूप से भारतीय मनोरंजन जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।