Mohan Bhagwat: शिक्षा और इलाज आम लोगों की पहुंच से बाहर, बना कमर्शियल

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर बहुत बड़ी बात कही है। इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य और शिक्षा बेहद जरूरी हैं।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 11 August 2025, 5:05 AM IST
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इंदौर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि देश में आज शिक्षा और स्वास्थ्य आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गए हैं। इन दोनों ही सेवाओं को कमर्शियल बना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि “अच्छा स्वास्थ्य और शिक्षा बेहद जरूरी हैं और पहले इन्हें ‘सेवा’ माना जाता था, लेकिन अब दोनों आम लोगों की पहुंच से बाहर हैं, दोनों का व्यवसायीकरण हो गया है. ये न तो सस्ते हैं और न ही सुलभ।

भारत में धर्म और राष्ट्र एक ही बात है और इसके लिए किया जाने वाला कार्य ईश्वरीय कार्य है। भागवत ने सभी जाति-बिरादरी के प्रमुखों से कमजोर वर्गों को ऊपर उठाने के लिए मिलकर प्रयास करने की अपील की।

उन्होंने कहा, हम हिंदू हैं, और हर हिंदू का सुख-दुख हमारा सुख-दुख है। राष्ट्र और हिंदू समाज के प्रश्नों का समाधान मिलकर करें।
संघ प्रमुख ने रविवार को इंदौर में माधव सृष्टि के कैंसर केयर सेंटर का शुभारंभ किया। उन्होंने सेंटर की बिल्डिंग और संसाधनों का बारीकी से निरीक्षण किया। साथ ही जीवन यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी भी देखी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा- स्वास्थ्य और शिक्षा ये दो विषय ऐसे हैं। आज के समय में ये समाज के लिए बहुत बड़ी आवश्यकता बन गई है। लेकिन दुर्भाग्य ऐसा है कि ये दोनों बातें आज सामान्य व्यक्ति के पहुंच से बाहर है। उसकी आर्थिक सामर्थ्य की पहुंच के बाहर है। ये सहज, सुलभ नहीं रही और सस्ती भी नहीं है।

भागवत ने कहा- ये सामान्य व्यक्ति की पहुंच के बाहर इसलिए हो जाती है कि पहले ये दोनों काम सेवा के नाते किए जाते थे। आज इसको भी कमर्शियल बना दिया गया है। आज दोनों महंगे होने से हर व्यक्ति के बस में नहीं हैं।

भागवत बोले- मैं बचपन में एक बार मलेरिया के कारण बीमार पड़ा और तीन दिन स्कूल नहीं गया तो मेरे शिक्षक मेरे घर आए और हालत जानी। फिर दूसरे दिन भी आए। वे जंगल में जाकर मेरे लिए कुछ जड़ी बूटी लाए। उन्होंने मेरे पिताजी को बताया कि इसका काढ़ा पिलाइए यह जल्दी ठीक हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि भागवत ने यह भी कहा कि पश्चिमी देश चिकित्सा के क्षेत्र में अपने एक जैसे मानक दुनिया के अन्य हिस्सों के देशों पर लागू करने की सोच रखते हैं, लेकिन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में मरीजों का उनकी अलग-अलग प्रकृति के आधार पर इलाज किया जाता है।

 

 

Location : 
  • Indora

Published : 
  • 11 August 2025, 5:05 AM IST