भारत आगे, दुनिया पीछे! आधुनिक युद्ध के लिए तैयार हो रहा है भारत, मिसाइल तकनीक को मिली नई उड़ान

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। DRDO ने UAV-प्रक्षेपित सटीक निर्देशित मिसाइल ULPGM-V3 का सफल परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल में किया। यह परीक्षण भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है और आधुनिक युद्ध प्रणालियों में भारत की तकनीकी श्रेष्ठता को दर्शाता है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 25 July 2025, 1:38 PM IST
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New Delhi: भारत ने शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को अपनी रक्षा क्षमताओं में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में UAV-प्रक्षेपित सटीक निर्देशित मिसाइल (ULPGM)-V3 का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का विकास पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से हुआ है और यह मानवरहित हवाई प्लेटफार्मों से लॉन्च की जा सकने वाली एक सटीक मारक क्षमता वाली प्रणाली है। इस तकनीक के सफल परीक्षण से भारत की सैन्य ताकत और डिजिटल युद्ध क्षमता को बड़ा बल मिला है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

देश को इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने लिखा कि भारत की रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए, डीआरडीओ ने ULPGM-V3 के सफल उड़ान परीक्षण किए हैं। इस प्रणाली के विकास और परीक्षण के लिए डीआरडीओ, उद्योग भागीदारों, DcPPs, MSMEs और स्टार्टअप्स को बधाई। ,राजनाथ सिंह ने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम बताया और भारतीय रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योगों की बढ़ती भागीदारी की सराहना की।

ड्रोन से दागी मिसाइल

क्या है ULPGM-V3 और क्यों है यह खास?

हालांकि ULPGM-V3 के तकनीकी विनिर्देश गोपनीय रखे गए हैं, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें निम्नलिखित उन्नत तकनीकें शामिल हैं।
• इमेजिंग इन्फ्रारेड (IIR) सीकर: जिससे मिसाइल सटीकता से लक्ष्य पहचान और प्रहार कर सकती है।
• दोहरा थ्रस्ट प्रणोदन प्रणाली: जो मिसाइल को लंबी दूरी तक ले जाने में सक्षम बनाता है।
• UAV संगतता: इसे ड्रोन या मानवरहित हवाई वाहनों से दागा जा सकता है, जो आधुनिक युद्ध में गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
ULPGM-V3 जैसी मिसाइलें ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ या सीमित युद्ध अभियानों के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती हैं, क्योंकि यह कम जोखिम में ज्यादा असर करने में सक्षम होती हैं।

NOAR: भारत का उभरता रक्षा परीक्षण केंद्र

इस मिसाइल का परीक्षण नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR), कुरनूल में किया गया। NOAR अब तेजी से भारत के सर्वाधिक उन्नत रक्षा परीक्षण स्थलों में शामिल हो रहा है। हाल ही में यहां हाई-एनर्जी लेजर हथियारों का परीक्षण, स्वार्म ड्रोन डिफेंस सिस्टम का मूल्यांकन और AI-आधारित निगरानी प्रणालियों का परीक्षण जैसी तकनीकों की जांच की जा चुकी है। यह दिखाता है कि भारत अब रक्षा तकनीक के क्षेत्र में केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक उत्पादक और निर्यातक की भूमिका में आ रहा है।

MSMEs और स्टार्टअप्स की बड़ी भूमिका

इस परियोजना की सफलता सिर्फ DRDO की नहीं है, बल्कि इसमें भारतीय निजी उद्योग, माइक्रो-लघु-मध्यम उद्यम (MSMEs) और स्टार्टअप्स की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ULPGM-V3 का विकास साझेदारी के मॉडल पर हुआ, जहां तकनीकी सहयोग, विनिर्माण और परीक्षण सभी स्तरों पर साझा प्रयास किया गया। यह मॉडल भारत को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, रक्षा निर्यात और रोजगार सृजन के क्षेत्र में और मजबूत बनाता है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 25 July 2025, 1:38 PM IST