

भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को लेकर महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
महबूबा मुफ्ती ने जताई चिंता
जम्मू: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने दोनों देशों से अपील की है कि वे तत्काल बातचीत शुरू करें, ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बहाल हो सके।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, महबूबा ने कहा कि जब तक भारत और पाकिस्तान के बीच सार्थक संवाद नहीं होता, तब तक कश्मीर की स्थिति और भी खराब हो सकती है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच और बढ़ते तनाव का खतरा है।
महबूबा ने अपने बयान में यह भी कहा कि कश्मीर के लोग लंबे समय से संघर्ष और असुरक्षा का सामना कर रहे हैं और अब वक्त आ गया है कि दोनों देशों को एक बार फिर से आपसी समझ और सहयोग की ओर बढ़ना चाहिए। उनका मानना है कि यह केवल कश्मीर की नहीं, बल्कि दोनों देशों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
महबूबा मुफ्ती की चिंता और बयान
महबूबा मुफ्ती का यह बयान उस समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में लगातार तनाव बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्ष बढ़ गया है और इसके कारण जम्मू-कश्मीर की स्थिति भी नाजुक हो गई है। महबूबा मुफ्ती का मानना है कि अगर दोनों देशों के बीच कोई सार्थक वार्ता नहीं होती तो कश्मीर में शांति की बहाली मुश्किल हो जाएगी। उनका कहना है कि कश्मीरियों को शांति और सुरक्षा चाहिए और इसके लिए केवल भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को सुधारने से ही स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के वर्तमान हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "कश्मीर में शांति की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जरूरी है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का मुद्दा
महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत में कोई प्रगति नहीं हो पाई है और इससे दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ा है। उनका यह भी कहना है कि कश्मीर मुद्दा केवल कश्मीरियों से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया के शांति और स्थिरता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान से अपील की कि वे कश्मीर के नागरिकों की भलाई और शांति के लिए संवाद की प्रक्रिया को फिर से शुरू करें।
कश्मीर में बढ़ती असुरक्षा और प्रभावित नागरिक
कश्मीर में सुरक्षा स्थिति लगातार बिगड़ रही है और इस वजह से स्थानीय नागरिकों को असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर के लोग शांति की उम्मीद लगाए हुए हैं, लेकिन जब तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संवाद नहीं होगा, तब तक यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकती। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "कश्मीर में जो स्थिति पैदा हो रही है, वह केवल कश्मीरियों के लिए ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के लिए भी खतरनाक हो सकती है।"