IPS वाई पूरन का विवादों से गहरा नाता; 25 साल की सर्विस में कई बार बनें चर्चा का विषय, DGP से की थी बगावत

चंडीगढ़ के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद उनके जीवन के कई पहलु सामने आ रहे हैं। उन्होंने अपनी नौकरी के दौरान प्रमोशन और उत्पीड़न को लेकर सवाल उठाए थे। उनकी आत्महत्या के कारणों पर अब भी सवाल उठ रहे हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 7 October 2025, 8:12 PM IST
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Chandigarh: चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित मकान नंबर 116 में उस समय हड़कंप मच गया जब यह खबर सामने आई कि 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। इस घटना के बाद वाई पूरन कुमार की मौत हो गई, जिससे आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार जो एक IAS अधिकारी हैं, इस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान यात्रा पर थीं।

वाई पूरन कुमार के करियर के अनकहे पहलु

वाई पूरन कुमार ने अपनी नौकरी के दौरान कई मौकों पर सिस्टम और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। वे एडीजीपी रैंक के अधिकारी थे और महज आठ दिन पहले ही उन्हें रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में ट्रांसफर किया गया था। इस दौरान उन्होंने 7 दिन की छुट्टी ले रखी थी और उसी समय यह खौफनाक कदम उठाया।

IPS Y. Puran

IPS वाई पूरन का विवादों से गहरा नाता

प्रमोशन प्रक्रिया पर उठाए थे सवाल

वाई पूरन कुमार ने हरियाणा में पिछले साल आईपीएस अफसरों के प्रमोशन को लेकर सवाल उठाए थे। 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के अधिकारियों के प्रमोशन के बाद वाई पूरन कुमार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने इस प्रक्रिया पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रमोशन के दौरान वित्त विभाग ने गृह विभाग के नियमों का उल्लंघन किया था। वाई पूरन कुमार ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में गृह विभाग के बड़े अधिकारियों से भी बातचीत की थी, लेकिन उनकी चिंता को नज़रअंदाज़ किया गया।

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पूर्व डीजीपी पर उत्पीड़न का आरोप

वाई पूरन कुमार ने अंबाला के एसपी को शिकायत देकर पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 3 अगस्त 2020 को वाई पूरन कुमार शहजादपुर थाने में बने मंदिर में गए थे। इस पर डीजीपी ने 17 अगस्त 2020 को उन्हें एक पत्र लिखा, जिसमें पूछा गया कि क्या थाने में मंदिर स्थापित करने से पहले सरकार से अनुमति ली गई थी। वाई पूरन कुमार ने आरोप लगाया था कि इस मामले को लेकर उन्हें उत्पीड़ित किया गया था और उन्होंने इस संबंध में एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग की थी।

सरकारी वाहन और आवास नीति पर भी उठाए थे सवाल

वाई पूरन कुमार ने एक बार सरकारी वाहन लेने से भी इनकार कर दिया था, क्योंकि उन्हें पुरानी होंडा सिटी कार दी जा रही थी, जबकि विभाग के अन्य अधिकारियों के पास नई इनोवा क्रिस्टा कारें थीं। इसके बाद उन्होंने सरकारी वाहन वापस कर दिया था। इसके अलावा, उन्होंने उन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत की थी जो एक से ज्यादा सरकारी आवासों पर कब्जा किए हुए थे। उन्होंने एक अधिकारी एक आवास की नीति लागू करने की अपील भी की थी, ताकि सरकारी संसाधनों का सही तरीके से उपयोग हो सके।

क्या थे आत्महत्या के कारण?

वाई पूरन कुमार के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए थे, जिनमें सिस्टम और डिपार्टमेंट की नीतियों के खिलाफ उनका विरोध भी शामिल था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्होंने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया। क्या यह मानसिक तनाव, सिस्टम के खिलाफ उनके सवाल, या कुछ और कारण था? फिलहाल इस सवाल का उत्तर अनुत्तरित है।

Location : 
  • Chandigarh

Published : 
  • 7 October 2025, 8:12 PM IST